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अमेरिका में पेन के ढक्कन से हर साल होती है 100 मौतें, वजह जान कर हैरान हो जाएँगे आप भी

अजीब मौतें

अजीब मौतें – हमारे आज के जीवन को आसान बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई बड़े-बड़े आविष्कार कर दिखाए हैं जिनके ज़रिए ना केवल हमारा जीवन बसर आसान हुआ है बल्कि हम रोजाना तकनीक की मदद से अपना काफी समय भी बचा लेते हैं.

जिस प्रकार गाड़ी के आजाने से हमें ऑफिस पहुंचने में देर नहीं होती या इंटरनेट के ज़रिए किसी भी फाइल को पहुंचाने के लिए हमें धर-बदर धक्के नहीं खाने पड़ते. लेकिन ऐसा नहीं है कि तकनीक ने हमारी केवल मदद ही की हो, कई कारणों से तकनीक हमारे जीवन के लिए अच्छी साबित नहीं हुई है.

बढती तकनीक के चलते हम फिजीकल काम करना बेहद कम करते जा रहे हैं जिसका हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता नज़र जा रहा है. हमें कहीं पास में भी जाना हो तो भी हम पैदल जाने की बजाए बाइक या कार का इस्तेमाल करने लगे हैं.

अजीब मौतें

तकनीक हमें दिमागी तौर पर तो मजबूत बना रही है लेकिन हमसे शारीरिक क्षमताएं छिन रही हैं.

नए-नए गैजेट्स ने सभी पुरानी चीजों को बदल दिया है. जैसे गाने सुनने के लिए लोग रेडियो की जगह अब फोन का इस्तेमाल करने लगे हैं और टाइपराइटर जैसी मशीनों की जगह अब कमप्यूटर ने ले ली है. ऐसी ही एक धारणा है कि मोबाइल और कम्प्यूटर के आ जाने के बाद पेन का इस्तेमाल कम हो गया है लेकिन यह तर्क सही नहीं है.

आज भी एक छोटे से बॉल पेन को काफी कामो में इस्‍तेमाल किया जा रहा है. जैसे कि किसी भी पेपर वर्क को पूरा करने में या बच्चों के स्कूल में एक्जाम में केवल पेन का ही उपयोग किया जाता है. आज भी पेन के कई लोग दीवाने हैं. आपने कभी गौर किया हो तो आपको याद होगा कि कभी ना कभी स्कूल या ऑफिस में आपने पेन के ढक्कन को मुंह में लिया होगा. अगर आपने नहीं तो आपके आस पास खेल रहे बच्चों ने तो जरुर पेन के ढक्कन को मुँह में लिया होगा.

पेन के ढक्कन के ऊपरी हिस्से में आपने एक छेद अवश्य देखा होगा और आपको लगता होगा कि यह स्याही को सूखने से बचाने के लिए है लेकिन आपको बता देंकि ऐसा नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में पेन के ढक्कन से 100 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है, जो अजीब मौतें है.

दरअसल, पेन का इस्तेमाल करते हुए कई लोग उसका ढक्कन अपने मुँह में ले लेते हैं और कभी-कभी गलती से वही ढक्कन निगल लेते हैं जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है. ये अजीब मौतें है – ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेन का ढक्कन हमारी श्वास नली में फंस जाता है और उसके बाद सांस लेना ना मुमकिन हो जाता है और उस शख्स की वही मौत हो जाती है. इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए पेन कंपनियों ने पेन के ढक्कन में छेद देना शुरु कर दिया जिससे अगर पेन श्वास नली में फंस भी जाए तो सांस आता रहे.

तो दोस्तों आगे से जब भी आप पेन खरीदने जाएं तो उसके ढक्कन पर छेद जरूर देख लें.

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