बंदरों की हरकतें – इस दुनिया में कुछ भी हो सकता है। कहा जाता था कि खबर तब नहीं होती है जब कुत्ता इंसान को काटता है। खबर तो तब होती है जब इंसान कुत्ते को काटेगा। कुछ ऐसी ही खबर है।
खबर फिलहाल यह तो नहीं है लेकिन हैरान करने वाली है। हाल ही में एक बुजुर्ग की पत्थरबाजी से मौत हो गई। पत्तथरबाजी किसी और कारण से या फिर दो लोगों के मुठभेड़ के दौरान नहीं हुई। बल्कि बंदरों की हरकतें – बंदरों की पत्तरबाजी से बुजुर्ग की जान गई।
बंदरों की हरकतें – बंदरों ने बुजुर्गों पर इतनी पत्थरबाजी की कि उनकी मौत हो गई।
बागपत जिले की है घटना
यह घटना उत्तरप्रदेश के बागपत जिले की है। उत्तरप्रदेश, जहां अब तक केवल दलों के बीच में हिंसा होती थी और लोगों के एक-दूसरे से धर्म के कारण भिड़ जाते थे वहां बंदर भी आजकल लड़ाई-झगड़ा करने पर उतारू हो गए हैं। बागपत जिले से खबर आई है कि बंदरों ने पत्थर मार-मारकर एक बुजुर्ग की जान ले ली है। करीब घंटे भर बंदरों ने बुजुर्ग के ऊपर पत्थरबाजी की जिसके कारण बुजुर्ग की जान चली गई।
है हैरतअंगेज मामला
यह पूरी तरह से हैरतअंगेज मामला है। यहां के टिकरी गांव में बंदरों के कथित हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने घटना के संबंध में पुलिस में तहरीर दी है। हालांकि पुलिस ने घटना को हादसा बताया है। रमाला पुलिस क्षेत्राधिकारी राजीव प्रताप सिंह ने शनिवार को बताया कि पुलिस को इस दुर्घटना के बारे में सूचित किया गया था। लेकिन पुलिस इस घटना को लेकर पशोपेस में है।
पुलिस अधिकारी का कहना है, “हमने इसे केस डायरी में पंजीकृत किया, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम किया गया”। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि “टिकरी गांव निवासी धर्मपाल (70) गत 17 अक्टूबर को ईंट के एक खंभे के पास में लेटे हुए थे। इस दौरान वहां कुछ बंदर ईंट के खंभे पर कूदे जिससे वह भरभरा कर नीचे गिर गया। घटना में धर्मपाल घायल हो गए, जिसकी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।”
केस दर्ज की मांग पर अड़े लोग
मृतक के परिवार वालों की मांग है कि बंदरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाए। लेकिन यह सुनने में ही पूरी तरह से नामुमकिन लग रहा है। इसलिए पुलिस ने अब तक इसकी एफआईआर नहीं की है। जबकि परिवार वाले केस दर्ज कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
सिर और छाती पर लगी चोट
उधर, मृतक के भाई कृष्णपाल सिंह द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार धर्मपाल सिंह हवन के लिए लकड़ी इकट्ठा करने गए थे। वहीं बंदरों ने उन पर ईंट फेंकी जिससे सिर और छाती की चोट के कारण धर्मपाल की अस्पताल में मौत हो गई। कृष्णपाल सिंह ने कहा कि हमने बंदरों के खिलाफ एक लिखित शिकायत दी है लेकिन पुलिस मामले को हादसा करार देते हुए कुछ भी कार्रवाई नहीं कर रही है। अब हम इस मामले में उच्च अफसरों से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग करेंगे।
पूरा प्रदेश परेशान
बंदूरों की हरकत से केवल जिला ही नहीं बल्कि पूरा उत्तर प्रदेश परेशान है। वहां बंदरों का आतंक अपने जोरों पर है। बंदरों की एक हरकतक के कारण इसी साल के जुलाई में फतेहपुर में कुछ बंदरों ने एक पांच साल के बच्चे पर सुतली बम भरा पॉलिथिन बैग फैंक दिया था, दो अन्य लोग भी इस घटना में घायल हुए थे। ग्रामीण इलाकों में तो बंदरों ने खेती को भारी नुकसान पहुंचाया है।
अब अगर बंदरों की हरकतें ऐसी हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लेना तो बनता है। नहीं तो इसके बाद जनता खुद-ब-खुद एक्शन लेने लगेगी।
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