शिव जितने रहस्यमय स्वयम है उतने ही रहस्यमय उनके मंदिर और उन मंदिरों से जुडी कहानियां है.
आज तक आपने बहुत से शिव मंदिरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा और इनमें से बहुत से मंदिरों में दर्शन के लिए भी गए होंगे.
आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे मे बताते है जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है.
जितना अनोखा ये मंदिर है उतनी ही अनोखी इस मंदिर से जुडी कहानी भी है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में बहुत से प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थान है. इनमें से कुछ तो बेहद प्रसिद्द है तो कुछ समय के साथ भुलाये जाने लगे है.
ऐसा ही एक स्थान झालाना डूंगरी के पास स्थित राजपुत कॉलोनी में है.
पातालेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध ये शिव मंदिर करीब 400 साल से भी ज्यादा पुराना है. सन 1977 में इस मंदिर को जमीन के अन्दर खुदाई करके बहार निकला गया.
खुदाई के दौरान एक अनोखा सच पता चला वो ये था कि इस मंदिर को जान बुझ कर साथ से करीब 20-22 फ़ीट की गहरे में बनाया गया था.
आज भी ये मंदिर साथ से नीचे ही स्थित है. मंदिर की सुरक्षा के लिए इसके चरों ओर एक कुँए जैसी सरंचना बनायीं गयी है.
इस शिव मंदिर के पास में ही एक हनुमान मंदिर भी स्थित है.
हर वर्ष शिवरात्रि पर यहाँ बड़ी संख्या में शिव भक्त आते है. जमीन की साथ से नीचे होने के कारण इस मंदिर को पातालेश्वर महादेव कहा जाता है.
इस मंदिर के निर्माण सम्बन्धी ज्यादा जानकारी नहीं है. पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार इस मंदिर को 400 साल पहले बनाया गया था. इसे जमीन की साथ से इतना नीचे बनाए जाने का कारण कोई नहीं जानता.
या तो समय के साथ भूमि का स्तर बढ़ने से ये मंदिर सतह के नीचे ही रह गया या फिर कुछ लोगों का ये भी मानना है कि शायद इस मंदिर का निर्माण तंत्र साधना के लिए किया गया था इसलिए आम लोगों की नज़र से छुपाकर इसे साथ से नीचे बनाया गया था.
अब इस मंदिर के पीछे का सच क्या है ये तो इस मंदिर के बनाने वालों के साथ ही चला गया. लेकिन आज भी शायद ये मंदिर अपने किसी कोने में उस राज़ को छुपाये बैठा है जिससे इस मंदिर के निर्माण का सच पता चले.
इसी प्रकार पुणे में भी पत्थर को काटकर पातालेश्वर गुफा और मंदिर का निर्माण किया गया है.