राजनीति

क्या है पश्तून आंदोलन, जिसने छीना पाकिस्तान का चैन

पश्तून आंदोलन – पाकिस्तान वैसे तो अपनी नापाक हरकतों से दुनिया को परेशान करता रहता है ।

लेकिन  इन दिनों पाकिस्तान खुद परेशानी से जूँझ रहा है । पाकिस्तान की इस परेशानी का कारण है पश्तून आंदोलन ।

आप भी सोच रहे होगें कि ये पश्तून आंदोलन क्या है ? इसे पहले तो कभी इस तरह का कोई आदोंलन सामने नहीं आया । लेकिन पश्तून आंदोलन ने इन दिनों पाकिस्तान की राजनीति में बवाल मचाया हुआ है । जिसका जवाब पाकिस्तान के बड़े -बड़े और वरिष्ठ राजनीतिक विशेषज्ञ और जानकार के पास भी नहीं है । पश्तून मामला इस साल की शुरुआत में शुरु हुआ था और धीरे धीरे इस आंदोलन ने चिंगरी से आग पकड़ ली ।

दरअसल पश्तून आंदोलन को ऑपरेट कर रहे मंजूर पश्तून पाकिस्तान का युवा  नेता है, जिसने पाकिस्तान के राजनेताओं की नींदे छीन ली हैं । 24 साल का पश्तून दक्षिण के वजीरिस्तान से ताल्लुक रखता है ।  पश्तून समुदाय पाकिस्तान के सबसे बड़े समुदाय में से एक है । लेकिन पाकिस्तान में पश्तून बहुत पिछड़ा और दबा कुचला वर्ग है, जिसे आगे लाने के लिए पश्तूनी लोग अब आवाज उठाने लगे है ।

मजूंर पश्तून ने साल 2014 में पश्तून समुदाय के विकास के लिए पश्तून आंदोलन की शुरुआत की थी । लेकिन इस समुदाय के इस आंदोलन की तरफ साल के शुरुआत तक किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन जनवरी में पश्तून समुदाय के एक लड़के की एनकाउंटर की मौत के बाद पश्तून आंदोलन ने पूरे पाकिस्तान को परेशना करके रख दिया । दरअसल एनकाउंटर में मारा गए लड़के का नाम नकीबुल्लाह था । जो पश्तून आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता था  और पाकिस्तान की फैशन इंडस्ट्री में उभरता हुआ मॉडल था । अपनी मॉडलिंग के चलते नकीबुल्लाह बहुत ही कम समय में पाकिस्तान के अखबारों की सुर्खियों में छा गया था। ऐसे में इस युवा की मौत ने पश्तून समुदाय के आक्रोश भड़का दिया ।

मजूंर पश्तून ने पश्तून समुदाय के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए जगह – जगह विरोध प्रदर्शन , प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की । साथ ही पश्तून समुदाय के युवाओं को सोशल  मीडिया के जरिए अपने समुदाय के हकों के लिए जागरुक करने की मुहिम चलाई । मंजूर पश्तून की इस मुहिम में धीरे – धीरे पूरा समुदाय जोड़ गया। जिस वजह से ये आंदोलन अब पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है । पश्तून समुदाय के हक के लिए ल़ड़ रहे युवा नेता मंजूर पश्तून के अनुसार पश्तून समुदाय के साथ शुरु से शोषण होता आ रहा है । जिनके लिए वो एक आवाज का काम कर रहें है ।

दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान के वामपंथी दल भी पश्तून समुदाय के हक के लिए उनके साथ खड़े हो रहे है । पश्तून समुदाय के इस पश्तून आंदोलन को पीटीएम यानी पश्तून तहाफूज मूवमेंट दिया गया है । पश्तून आंदोलन से जुड़े कई लेखों को पाकिस्तान ने कई वेबसाइटस हटावा दिया है । जिसे लेकर भी समुदाय में काफी गुस्सा है। लेकिन पश्तून समुदाय की तस्वीर पाकिस्तान में बदलेगी या नहीं इसका फैसला तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

Preeti Rajput

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