संबंध

दिल्ली के कुंवारे नहीं ढूंढ रहे अपने शहर का हमसफर !

अपने शहर का हमसफर – शादी एक बहुत ही खास रिश्ता है जो दो लोगों को एक-दूसरे के साथ ज़िदंगी भर के लिए जोड़ देता है।

शादी को लेकर हर किसी के ढ़ेर सारे सपने भी होते हैं। शादी ज़िदंगी का बहुत खास पड़ाव होता है जो आपकी आगे की पूरी ज़िदंगी को बदल सकता है।

यहां से आपकी ज़िदंगी बेहतर भी हो सकती है तो वही अगर आपको सही लाइफ पार्टनर का साथ ना मिले तो आपकी ज़िदंगी कईं परेशानियों से भी घिर सकती है।

ऐसे में शादी का फैसला बहुत खास और अहम होता है। इसलिए हर इंसान अपनी शादी से जुड़ा डिसीजन बहुत सोच समझ कर लेता है। बात चाहे अपने होने वाले पार्टनर की हो, उसकी फैमिली की हो या फिर वो कहां से ताल्लुक रखता है, उसे क्या पसंद है, ज़िदंगी को लेकर उसकी क्या सोच है, उसकी क्या ख्वाहिशें हैं, रिश्तों और करियर को लेकर क्या सोच है, फैमिली बैकग्राउंड कैसा है, इन सब बातों की हो, अपनी जीवनसाथी का चुनाव करने में कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहता।

अपने शहर का हमसफर –

कईं बार हम प्यार में पड़कर किसी ऐसे इंसान को अपना जीवनसाथी चुन लेते हैं जो शायद हमसे बिल्कुल विपरीत है और फिर प्यार का बंधन हमें ज़िदंगी भर इस रिश्ते को निभाने में मदद करता है तो वही कईं बार हम उस इंसान को अपना हमसफर बनाते हैं जिसके आदतें, ख्वाहिशें, हरकते और चाहते हमसे मेल खाती हो।

इस मामले में सबकी सोच अलग-अलग होती है और ये बात हाल ही में हुए एक सर्वे में भी सामने आई है। उस सर्वे में जो परिणाम सामने आए हैं उनके अनुसार आज की पीढ़ी शादी करते वक्त कुछ खास बातें ध्यान रखती है तो वही कुछ ऐसी बातें भी हैं जो उनके लिए मायने नहीं रखती जैसे कि अगर बात धर्म की करें तो तकरीबन 95 प्रतिशत कुंवारे लड़के और लड़कियां अपने धर्म में शादी करना चाहते हैं तो वहीं 4-5 प्रतिशत कुंवारे शादी के लिए पार्टनर ढूंढते वक्त धर्म की परवाह नहीं करते। तो वहीं अगर बात समुदाय की करें तो यहां लगभग 50 प्रतिशत लोग अपने समुदाय का पार्टनर तलाशते हैं और 50 प्रतिशत लोग इस बात को तवज्जो नहीं देते हैं कि उनका पार्टनर किस समुदाय का है।

अगर बात कार्यक्षेत्र की करें तो एक वक्त पर ये सोच बहुत कॉमन थी कोई भी व्यक्ति अपने प्रोफेशन के व्यक्ति के साथ शादी के बंधन में बंधना चाहता है लेकिन असल में ये सोच पूरी तरह से उलट है।

आंकड़ों के अनुसार, 80-85 प्रतिशत कुंवारे दूसरे कार्यक्षेत्र के व्यक्ति से शादी करना चाहते हैं। इसके साथ ही दिल्ली शहर के कुंवारों से जुड़ी एक बहुत ही रोचक और चौंका देने वाली बात सामने आईं है जिसके अनुसार दिल्ली शहर के कुंवारे अपने शहर का हमसफर नहीं ढूंढ रहे है – शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते बल्कि ये शादी के लिए दूसरे शहर के पार्टनर को ढूंढते हैं। दिल्ली के लगभग 80 प्रतिशत कुंवारे अपने शहर से बाहर शादी करना चाहते हैं।

अपने शहर का हमसफर – इन आंकड़ों से आप भी चौंक गए होंगे ऐसी हमें उम्मीद है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर करना ना भूलें।

Deepika Bhatnagar

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