मम्मी पापा के डायलॉग्स – हमारे मम्मी-पापा यानी की वो दो लोग जो हमेशा हमारा भला चाहते हैं, जिनकी खुशी हमारी हंसी से होती है, जिनका दुख हमारी उदासी से होता है।
हमारे पैरेंट्स पूरी कोशिश करते हैं कि हमे वो सब दे पाएं जो हमारे लिए ज़रूरी है। हमारी हर ख्वाहिश, हर फरमाइश को पूरा करने के लिए वो जी जान लगा देते हैं।
मां, लाड लडाकर तो पापा थोड़ा सा डांटकर, हमे हमारे भले की ही बातें समझाते हैं लेकिन कईं बार हमारे मम्मी-पापा कुछ ऐसे डायलॉग्स भी बोलते हैं जिन्हे सुनकर भी हम हंसने लगते हैं, कभी संजीदा हो जाते हैं तो कभी सरप्राइज़ ही हो जाते हैं।
आज हम भी आपके लिए कुछ ऐसे ही डायलॉग्स लेकर आए हैं जिन पर मम्मी-पापा का कॉपीराइट है.
तो चलिए आप भी पढ़िए और याद कीजिए कि आपके मम्मी पापा के डायलॉग्स जो न अजाने कितनी बार आपको बोला है !
मम्मी पापा के डायलॉग्स –
1- इसी दिन के लिए तुझे पाल-पोस कर बड़ा किया था–
हम्ममम…ये डायलॉग वैसे अक्सर मम्मियां बोलती हैं लेकिन उन्हे कम्पनी देते हुए पापा भी इस ब्रह्मासत्र का हिस्सा बन जाते हैं और फिर हमारे सारे तर्क विर्तकों को फेल करते हुए मम्मी अपनी बात मनवा ही लेती हैं। वैसे कईं बार तो इस डायलॉग को आंसुओं का इमोशनल टच भी मिल जाता है।
2- बाप का जूता पैर में आने लगा लेकिन अकल नहीं आया–
पापा जी जब ऐसा बोल दे तो कुछ देर के लिए तो माहौल में सन्नाटा छा ही जाता है और उसके बाद कोशिश करके अगर कोई जवाब दिया भी जाएं तो पापा जी एक-दो और इमोशनल डायलॉग्स से मुंह बंद करवा ही देते हैं।
3- इस फोन को आग लगा दो-
ये डायलॉग तो समझिए आपकी सभी परेशानियों, बीमारियों का एकलौता हल है जो ये कहता है कि अगर आपने अपने फोन को खुद से दूर कर दिया तो आपकी तरक्की निश्चित है। अगर कभी आप मम्मी का कहा कोई काम भूल गए या तो फिर मम्मी ने आवाज़ दी और आप नहीं सुन पाए तो सबसे पहले यही सुनने को मिलेगा।
4- जब तुम्हारे बच्चे होंगे तब पता चलेगा-
ये भी इमोशन्स में लबरेज़ एक ऐसा डायलॉग है जिसका सीधा मतलब ये होता है कि हमारी बात मान लो। अक्सर जब बच्चे पैरेंट्स की बात नहीं मानते हैं तो पैरेंट्स कुछ इसी प्रकार अपनी बात मनवाते हैं।
5- मेरी बेटी/मेरा बेटा लाखों में एक है-
यूं तो आपके पैरेंट्स आपको डांटते हैं, कईं बार गुस्से में हाथ भी उठा देते हैं लेकिन अगर कोई दूसरा आपके बारे में कुछ कहे तो बड़े ही विश्वास और गर्व के साथ कहते हैं ”मेरी बेटी/मेरा बेटा लाखों में एक है”।
6- तू ठीक से कुछ खाती-पीती ही नहीं है-
ये डायलॉग बोलने का क्रेडिट को इस्पेशयली हमारी मम्मियों को ही जाता है। हम चाहे कितना भी खा ले लेकिन उन्हे वो कम ही लगता है और तो और हम दुबला रहे हैं ये भी मम्मी गाहे बगाहे बोल ही देती हैं। वैसे आपको बता दे कि इसमें तो पूरी तरह से हमारी मम्मी का प्यार ही झलकता है।
ये है मम्मी पापा के डायलॉग्स – उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी इससे रिलेट कर पाएं होंगे और अगर आप अपने मम्मी-पापा से दूर हैं तो आपको उनकी याद भी आ गई होगी। वैसे मम्मी-पापा का हमारे पास होना, हमारी खुशकिस्मती है और वो हमारे लिए कितने ज़रूरी है ये हमेशा हमे याद रखना चाहिए। चलिए अब बिना देर किए जाइए और अपने मम्मी-पापा को हग कर आइए।