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हम करें तो इश्क़ और मम्मी पापा करें तो पाप! ऐसा क्यों?

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प्यार में होने का एहसास ही कुछ और होता है; वो यूँही बैठे बैठे चेहरे पर मुस्कान आ जाना, आशिक़ की याद आते ही दिल की धड़कनें तेज़ हो जाना और न जाने क्या क्या|

पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा सिर्फ जवान लोगों के साथ नहीं होता?

जी हाँ, यह एहसास उम्र देख के नहीं होता|

न ही यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप शादी शुदा हैं या नहीं, आपके बच्चे हैं या नहीं|

दिल है, कब किसे अपना मान ले, कब किस के प्यार में बन्ध जाए, क्या पता|

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जब युवाओं को सारी दुनिया आज इश्क़-मोहब्बत का पाठ पढ़ाने पर तुली है, तो उनके माँ-बाप ने क्या कुसूर किया है कि उन्हें प्यार करने की आज़ादी नहीं? क्यों हमें यह बताया जाता है कि हमें तो प्यार करने का पूरा हक़ है क्योंकि हमारी उम्र है लेकिन अगर हमारी माँ या बाप किसी से प्यार करें तो वह एक पाप होगा?

बात बड़ी साफ़ है दोस्तों|

अगर माँ-बाप आपस में बेइंतेहा प्यार करते हैं तब तो ठीक है| लेकिन अगर शादी एक मजबूरी है, एक समझौता है, चाहे बच्चों की वजह से या पैसों की वजह से, तो हर उस दंपत्ति को हक़ बनता है कि वो अपने लिए एक ऐसा साथी ढूंढें जो उन्हें प्यार कर सके| हाँ, शादी ख़त्म होने के बाद ऐसा करना कानूनन और नैतिकता के हिसाब से सही रहेगा पर ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है| मान लीजिये कि एक आदमी की पत्नी का देहांत हो गया या एक महिला विधवा हो गयी और उनके जवान कॉलेज जाने वाले बच्चे हैं|

तो क्या सिर्फ इसलिए कि अब बच्चों की शादी-ब्याह का वक़्त आ गया है, उन माँ या बाप को अपना जीवन जीना छोड़ देना चाहिए?

क्या उन्हें प्यार की, एक साथी की ज़रुरत नहीं जो एक युवक या युवती को होती है? क्यों माँ-बाप सिर्फ दादा-दादी बन घर और बच्चों को संभालने के लायक रह जाएँ?

यह वक़्त है नयी सोच का, बदलाव का| हमारे माँ-बाप हमारे भगवान समान हैं लेकिन हैं इंसान ही| और हर इंसान की तरह उन्हें भी हर वो ख़ुशी पाने का, हर उस एहसास को जीने का हक़ है जो उनके बच्चों को है|

एक तलाकशुदा या विधवा औरत या आदमी की ज़िन्दगी में जब एक नया साथी आ जाएगा और आप उनकी संतान होते हुए उनके इस निर्णय को मंज़ूरी देंगे तो आप सभी के जीवन में खुशियों के नए दिन आ जाएंगे| अकेलेपन से बढ़कर कोई रोग नहीं और प्यार से बढ़कर कोई दवा नहीं!

प्यार कीजिये और इस बात का ख़याल रखिये कि आपके माँ-बाप के जीवन में भी प्यार की कमी कभी न आये!

Article Categories:
प्रेम