पेपर लीक – भारत में आए दिन पेपर लीक होने की खबरें छाई रहती हैं। इस बार तो बोर्ड एग्जाम तक का पेपर लीक हो गया और इसकी वजह से बच्चों को दोबारा एग्जाम देना पड़ा।
भले ही भारत में शिक्षा को लोगों ने मज़ाक बनाकर रख दिया हो लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पर एक भी पेपर लीक नहीं होता और पेपर लीक करना इस देश का कल्चर ही नहीं है। तो चलिए जानते हैं इस देश के बारे में।
भारत का पड़ोसी देश
जिस देश में कभी कोई पेपर लीक नहीं हुआ वो कोई और नहीं बल्कि भारत का पड़ोसी देश चीन है। चीन में परीक्षा को लेकर ऐसे कई प्रावधान हैं जो भारत के लिए भी सीख बन सकते हैं। यहां पर कॉलेज एडमिशन के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम का इंतजाम करता है जिसे गाओकाओ के नाम से जाना जाता है।
क्या है गाओकाओ
चीन के बच्चों के लिए एंट्रेंस एग्जाम के रूप में आयोजित होने वाली परीक्षा को गाओकाओ कहा जाता है। इसके ज़रिए उनका भविष्य तय होता है। इस परीक्षा को लेकर चीन की सरकार बहुत गंभीर रहती है और इसे बिलकुल निष्पक्षता से कराने के लिए कड़े इंतजाम करती है।
चीन में अलग हैं नियम
आमतौर पर इस तरह की परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्रालय का होता है और भारत में भी ऐसा ही है लेकिन चीन में मामला थोड़ा अलग है। चीन ने इस काम के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय और राज्य इंटरनेट सूचना कार्यालय को भी काम पर लगा रखा है। परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए इन सबकी सामूहिक जिम्मेदारी होती है। किसी भी तरह की कोई चूक हुई तो इन सबकी जिम्मेदारी होती है।
हेल्पलाइन नंबर
चीन में परीक्षा के दौरान आम लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी चलाया जाता है जिसकी मदद से कोई भी सरकार को परीक्षा में हो रही गड़बड़ी की सूचना दे सकता है। यहां पर परीक्षा को सुचारू रूप से चलाने के लिए एडवांस फोर्स स्वॉट को तैनात किया जाता है।
चीन के हर परीक्षा केंद्र पर इस फोर्स से कम से कम 8 जवान तैनात रहते हैं। शक होने पर ही वो किसी को भी घेर लेते हैं और संतुष्ट होने पर ही उसे छोड़ते हैं। इसके अलावा परीक्षा के दौरान ड्रो भी सक्रिय रहते हैं जो इधर-उधर चक्कर लगाते हुए सब पर नज़र रखते हैं। इस वजह से कोई भी छात्र किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के माध्यम से नकल करने के बारे में सोच भी नहीं सकता है।
चीन में परीक्षा के दिन यातायात का रूट भी बदल जाता है ताकि किसी भी छात्र को परीक्षा स्थल पहुंचने में देरी ना हो। यहां पेपर भेजने के लिए चीन सरकार जीपीएस सिस्टम की मदद ले सकती है। इसकी मदद से वह पेपर की लोकेशन पर नज़र रखती है। परीक्षा के दौरान यहां पर लड़कियों के अंडरगार्मेंट्स तक पहनने पर प्रतिबंध है।
अब आप खुद ही सोच सकते हैं चीन में परीक्षा को लेकर कितने सख्त नियम बनाए गए हैं। अगर भारत में भी ऐसा हो जाए तो यहां के छात्र सच में शिक्षित हो पाएंगें।
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