जीवन शैली

जानिए क्यों गुजरात के वडोदरा में पानीपुरी हुए बैन और फेंके गए 4,000 किलोग्राम गोलगप्पे

पानीपुरी … एक ऐसा शब्द है या एक ऐसी डिश है जिसका नाम लेते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है।

इसकी सबसे अच्छी बात है कि इसे हर राज्य में खाया जाता है। वह अलग बात है कि इसे हर राज्य में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। कहीं इसे लोग पुचका कहते हैं तो कहीं गोलगप्पा, कहीं इसे पानी बताशा कहा जाता है तो कहीं गुपचुप। अलग-अलग नामों से पुकारने के बावजूद इस शब्द की मिठास और इस डिश का रोमांच हर जगह एक जैसा होता है। जिसके कारण इसे ठेले या दुकान पर बिकते हुए देख लोगों की जुबां पर काबू नहीं रहता और वे इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाते हैं।

खूब चलती है पानीपुरी की दुकान

लोगों का बस चले तो लोग इसे राष्ट्रीय डिश भी बना दें। लोगों को इतना ज्यादा पसंद होने के कारण ही तो हर कोई इसे बेचने लग जाता है। दरअसल यह एक अनकहा सफल बिजनेस है जिसके सफल होने की गारंटी सौ प्रतिशत होती है। इसलिए हर कोई कमाई के लिए इसका ठेला खोल लेता है।

लेकिन, इसकी दुकान तो सब खोल लेते हैं किंतु साफ-सफाई का ध्यान बहुत ही कम लोग रखते हैं। जिसके कारण आज गोलगप्पा खाकर बीमार होने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ जाती है। मानसून में तो यह संख्या और अधिक हो जाती है। इसकी वजह से लोगों को हैजा और पीलिया जैसी बीमारी हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार के मानसून में वडोदरा में पानीपुरी में बैन लगा दिया गया है और इस बैन के कारण 3500 किलो आलू, 4000 किलो गोलगप्पे फेंकने पड़े।

वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने लगाया बैन

तो अगर आप गुजरात जाने वाले हैं और वहां अगर आप वडोदरा जाते हैं तो आपको गोलगप्पे खाने नहीं मिलेंगे। वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने गोलगप्पों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। दरअसल, वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गोलगप्पों के लिए इस्तेमाल हो रही सड़ी हुई खाद्य सामग्री को बड़े पैमाने पर जब्त किया है। वडोदरा शहर में गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है जो मॉनसून खत्म होने तक जारी रहेगी।

कई जगहों पर गोलगप्पे पर पड़े छापे

कभी आपने सुना है कि गोलगप्पों के लिए छापेमारी की गई हो? लेकिन वडोदरा के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा लगाए गए बैन के बाद ऐसा कई जगहों पर हुआ। वडोदरा के हुजरात पागा, हाथीखाना, तुलसीवाडी, समा, छाणीगांव, खोडियारनगर, नवायार्ड, वारसीया नरसिंह टेकरी, सुदामा नगर जेसे इलाकों में गोलगप्पे बनाने वाले 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान गोलगप्पे बनाने की 4000 किलो गोलगप्पे, 3500 किलो आलू-चना, 20 किलो तेल ओर 1200 लीटर एसिड वाला पानी जब्त किया गया।

बीमारियों को रोकने के लिए किया गया ऐसा

वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मॉनसून में फैल रही बीमारियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। दूषित गोलगप्पों और उसके पानी से टाइफाइड, पीलिया, फूड पायजनिंग का खतरा रहता है।

साफ-सफाई से नहीं बनाए जाते गोलगप्पे

वडोदरा नगर पालिका का कहना है कि गोलगप्पे बनाने में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जिसके कारण मानसून के सीजन में खराब खान पान से टाइफाइड, पीलिया और फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इन बीमारियों को रोकने के लिए ही इन गोलगप्पों की छापेमारी की गई है।

आप कब रुकेंगे?

वडोदरा की नगरपालिका ने तो अपने लोगों का ख्याल कर लिया, आप कब अपना ख्याल रखेंगे और गोलगप्पा खाने पर रोक लगाएंगे। क्योंकि आपका स्वास्थ्य आपके ही हाथ में है।

Tripti Verma

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