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महाभारत की अनोखी कहानी पांडवों ने खाया था अपने मृत पिता का मांस

ऋषि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत को सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है.

महाभारत अनगिनत कथाओं का भण्डार है. इस ग्रंथ में ऐसी ऐसी अनोखी कथाएं है जिन्हें पढ़कर विश्वास ही नहीं होता कि क्या सच में ऐसा हो सकता है या फिर ये सिर्फ कपोल कल्पना मात्र है.

जिस घटना के बारे में आज आपको बताने जा रहे है वो शायद महाभारत की सबसे आश्चर्यचकित कर देने वाली कथा है.

ये कथा महाभारत के महान युद्ध से पहले की है. ये वो कथा है जिसमे वर्णित घटना इतिहास में शायद ही दोबारा हुई हो.

ये पौराणिक कथा जुड़ी है पांच पांडवों और उनके पिता पांडू से. महाभारत के अनुसार राजा पांडू का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था.

महाराजा पांडू की मृत्यु के बाद पांच पांडवों ने अपने पिता के मांस का भक्षण किया था.

चौंक गए ना ? ये कैसे संभव है कि एक पिता के मृत शरीर का मांस उनके ही पुत्र खाएं. लेकिन महाभारत के अनुसार ये सत्य है.

जैसा कि महाभारत के अनुसार हम जानते है कि पांचो पांडवों का जन्म महाराजा पांडू के वीर्य से ना होकर अलग अलग देवताओं के आशीर्वाद की वजह से हुआ था. इस कारण से पांडवों में अपने पिता पांडू के गुण और कौशल नहीं आ सके थे.

जब पांडू का अंतिम समय आया तो उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु के उपरान्त उनका अंतिम संसकार ना किया जाए अपितु उनके शरीर के मांस को उनके पाँचों पुत्रों द्वारा खाया जाए.

जब पांडू की मृत्यु हुई तो उनके शरीर का मांस उनके पाँचों पुत्रों ने मिल बांट कर खाया जिसकी वजह से पांडू की वीरता, युद्ध कौशल, ज्ञान उनके पुत्रों में आ गया.

कहा जाता है कि सहदेव ने अपने पिता का मांस सबसे अधिक खाया था इसलिए पाँचों पांडवों में सहदेव सबसे ज्यादा ग्यानी और बुद्धिमान थे.

सहदेव के बारे में ये भी कहा जाता है कि श्री कृष्ण के अलावा सहदेव ही थे जिन्हें महाभारत युद्ध के होने से पहले ही इस युद्ध और युद्ध के परिणाम के बारे में पता था.

सहदेव के सबसे ज्यादा ग्यानी और भविष्यद्रष्टा होने का कारण भी पांडू के शरीर का मांस ही था. कथा के अनुसार सहदेव ने पांडू के मस्तिष्क के तीन हिस्से खाये थे. पहला हिस्सा खाने की वजह से उन्हें भूतकाल की जानकारी हुई, दूसरा हिस्सा खाने से उन्हें वर्तमान के रहस्य पता चले और तीसरा हिस्सा खाने से उन्हें भविष्य के बारे में जानकारी मिली.

युद्ध के बारे में जानते हुए भी सहदेव ने कभी युद्ध के कारण और उसके परिणामस्वरूप होने वाले कुरु वंश के नाश के बारे में कभी किसी को नहीं बताया.

इसका कारण था कि श्री कृष्ण ने सहदेव को श्राप दिया था कि अगर वो महाभारत के युद्ध से पहले किसी को भी इस युद्ध के बारे में बताएँगे तो उनकी मृत्यु हो जाएगी.

देखा आपने ये थी हिन्दू ग्रंथों में सरधिक प्रसिद्ध महाभारत की सबसे अनोखी और आश्चर्यचकित कर देने वाली कहानी.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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