हमारे देश में कई सारे प्राचीन मंदिर स्थित है.
लगभग हर प्राचिन मंदिर से कोई ना कोई चमत्कार जुड़ा है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देता है।
ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है।
इस मंदिर में स्थित माँ लक्ष्मी की मूर्ति दिनभर में तीन बार अपना रंग बदलती है।
जी हाँ ये चमत्कारिक मंदिर स्थित है मध्यप्रदेश के जबलपुर में। ये स्थान पचमठा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह स्थान देशभर के तांत्रिको के लिए तंत्र साधना का विशेष केंद्र माना जाता है। इस मंदिर के चारों तरफ श्रीयंत्र की विशेष संरचना बनी हुई है। इतना ही नहीं इस मंदिर में स्थित माँ लक्ष्मी की प्रतिमा आज भी दिन में तीन बार रंग बदलती है।
बताया जाता है कि इस पचमठा मंदिर का निर्माण लगभग 11 सौ वर्ष पूर्व हुआ था।
इस पचमठा मंदिर की एक और विशेष बात यह है कि यहाँ पर आज भी सूरज की पहली किरण माँ लक्ष्मी के चरणों में पड़ती है। यहाँ पर प्रतिदिन माँ लक्ष्मी की प्रतिमा का रंग तीन बार परिवर्तित होता है। प्रातः काल के समय प्रतिमा का रंग सफ़ेद, दोपहर में पीला, और शाम को नीला हो जाता है।
शुक्रवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
कहा जाता है कि सात शुक्रवार तक यहाँ पर माँ लक्ष्मी के दर्शन करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है। इस पचमठा मंदिर के पास एक तालाब भी है जिसे अधारताल तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाब का निर्माण रानी दुर्गावती के विशेष सेवापति रहे दीवान अधार सिंह ने बनवाया था।
इस पचमठा मंदिर में दिवाली के दिन देश भर से लोग माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा करने पहुँचते है।
दिवाली की रात पचमठा मंदिर के कपाट पूरी तरह खोल दिए जाते है, और पूरे मंदिर को दीपक से प्रज्वल्लित कर दिया जाता है। ये दृश्य बेहद मनमोहक और अद्दभुत होता है।