हस्त रेखा – प्रकृति और ईश्वर का इंसान से एक अलग रिश्ता है, जहाँ ईश्वर ने हमें बनाया है, वहीं प्रकृति ने हमारा पालन पोषण किया है।
और साथ में ऐसे संकेत भी छोड़े हैं जो रूबरू करवाते है, हमें हमारे भविष्य से। बस इन संकेतों को समझना और पढ़ना आना चाहिए।
जिस तरह कुछ पढ़ने के लिए भाषा की जरूरत होती है उसी तरह इन संकेतों को पढ़ने के लिए ईश्वर की भाषा यानी ज्योतिष का ज्ञान होना जरूरी है। ज्योतिष जिसे इंग्लिश में एस्ट्रोलॉजी भी कहते हैं यह हमारे भविष्य अथवा हमारे भाग्य को उजागर करती हुई एक विद्या है, जो कई पद्धतियों और तरीकों में फैली हुई है। लेकिन हर जगह यह विद्या इस बात का पूरी तरह प्रचार करती है कि सिर्फ भाग्य के भरोसे ना बैठकर कर्म करना चाहिए तभी भाग्य का उचित फल प्राप्त होगा।
ज्योतिष जानने की विधियों के बारे में बात की जाए तो मुख्य रूप से हस्त रेखा, मस्तिष्क रेखा, जन्म कुंडली, शरीर पर उभरे चिन्हों, तिल-मस्सों द्वारा और स्वप्न विचार करके भविष्य देखा जाता है। जिसमें जन्म कुंडली से भविष्य ज्ञात करना कुछ कठिन है क्योंकि उसके लिए आपके जन्म की तारीख और शुद्ध समय का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। ऐसे में हस्त रेखा और मस्तिष्क रेखा द्वारा भविष्य देखना कुछ आसान होना जो जाता है।
अब बात करते हैं, हस्त रेखा की। अगरआप हस्त रेखा देखना चाहते हैं तो इससे पहले आपको हस्त संवंधित सारी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए सबसे पहले उँगलियों के बारे में जानना जरूरी है।
पहली उंगली यानी इंडेक्स फिंगर – तर्जनी
बीच की उंगली यानी मिडिल फिंगर – मध्यमा
तीसरी यानी रिंग फिंगर- अनामिका
चौथी सबसे छोटी उंगली- कनिष्ठका
अंगूठा यानी थम्ब – अंगुष्ठ
इसके अलावा आपके हाँथ से संवंधित एक दूसरी चीज यह भी है कि हर उंगली के शुरुआत यानी जड़ मे एक पर्वत पाया जाता है, इस पर्वत को उंगली की जड़ मे उभार के रूप में महसूस किया जाता है। अगर जड़ में उभार अधिक है तो पर्वत शक्तिशाली है यानी कोई गृह आपके लिए शुभ है और अगर पर्वत में कम उभार है तो उस पर्वत से संवंधित गृह कम शक्तिशाली होगा। लेकिन यहाँ निराश होने की कोई बात नहीं, क्योंकि जहाँ ज्योतिष विज्ञान सफल होने का तरीका बताता है वहीँ समस्याओं से निपटने के लिए उपाय भी बताता है।
अब आपके हाँथ में धन संवंधित रेखा की बात की जाए तो अगर आपके हाँथ में अनमिका उंगली की जड़ से निकल करयानी सूर्य पर्वत से एक सीधी रेखा बनी हुई है तो यह आपके धनवान होने का प्रतीक है।इस रेखा को सूर्य रेखा भी कहा जाता है। ज्योतिष में हाँथ की इस रेखा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे निरोग की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसलिए अगर आपके हाँथ में यह रेखा है तो इसका मतलब है कि भाग्य आपके पक्ष में है, अब बस कर्म करना बांकी है।