पाकिस्तानी रुपया – अमेरिकी डॉलर की तुलना में दिन पर दिन भारतीय रुपया गिरते जा रहा है और फिलहाल इसके उठने की उम्मीद भी नहीं हैं। रोज गिरते हुए नए रिकॉर्ड बना रहा रुपया बीते दिन 74 में जाकर रुका और जल्द ही 75 को पार कर जाएगा। डॉलर के मुकाबले रुपये के 74 तक पहुंचने की वजह ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होना है।
अमेरिकी का केंद्र बैंक जहां अपने ब्याद दरों में बढ़ोतरी किए जा रहा है वहीं भारत के ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं होने से भारत की प्रोपॉर्टी का मूल्य अमेरिका की पॉर्पर्टी के मूल्य की तुलना में कम होते जा रहा है। इस वजह से कारोबार के दौरान रुपया 74 के स्तर को तोड़ते तो हुए 74.02 प्रति डॉलर के स्तर पर लुढ़क गया, जो रुपया का अब तक का सबसे निचला स्तर है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गिरने के वजह से शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है।
पाकिस्तान की हालत खस्ता
लेकिन यह तो हुई भारत की बात। जरा पाकिस्तान के बारे में भी सोचा जाए। पाकिस्तान की बात इसलिए भी करनी जरूरी है क्योंकि खेल से लेकर राजनीति तक में पाकिस्तान से भारत की तुलना की जाती है। तो फिर यहां क्यों नहीं?
वैसे भी जब बात हो रही है डॉलर की तुलना में गिरते रुपये की कीमत की तो पाकिस्तान को भूलना अच्छी बात नहीं। शायद हो सकता है कि इस तुलना में भारत को थोड़ी खुशी मिल जाए। और जब इस पर नजर डालेंगे तो थोड़ी सी नहीं बल्कि ज्यादा खुशी मिलती है।
क्योंकि पाकिस्तानी रुपया डॉलर की तुलना में 138 के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
138 पाकिस्तान रुपया =1 डॉलर
पाकिस्तान की हालत भारत से भी ज्यादा खराब है। जहां भारतीय रुपया 74 के नीचले स्तर पर डॉलर की तुलना में पहुंचा है वहीं पाकिस्तानी रुपया 138 रुपये के निचले स्तर पर पहुंचा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्ज़ के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जाने की पाकिस्तान सरकार की घोषणा के बीच मंगलवार को कारोबार के दौरान पाकिस्तानी रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड 138 के निचले स्तर पर पहुंच गया। बाज़ार विश्लेषक मुज़ाम्मिल असलम ने बताया, “मुझे लगता है कि यह आंकड़ा 150 तक जाएगा।” दरअसल, पाकिस्तान आर्थिक संकट से गुज़र रहा है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब
पाकिस्तानी की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में नए-नए प्रधानमंत्री बने इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से उधार लेने के लिए अपील की थी।
बेलआउट पैकेज के लिए मांगी मदद
डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपया गिरने से वहां आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शरण में है। बीते सोमवार को पाकिस्तान सरकार ने बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)से मदद मांगने की घोषणा कर दी। बता दें कि अमेरिका ने इस बेलआउट पैकेज को लेकर आईएमएफ को चेतावनी दी है।
पाकिस्तान ने काफी सोच-समझकर यह कदम उठाया है और आईएमएफ से उधार लेने का फैसला इमरान खान का है। गौरतलब है कि इमरान खान अतीत में आईएमएफ से पैसा उधार लेने का विरोध कर चुके हैं। लेकिन आज वह सरकार में है तो उन्हें इसकी कीमत समझ आ रही है।
13वां बेलआउट पैकेज
पाकिस्तान की खराब हालत की गंभीरता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह उसका आईएमएफ से मांगा हुआ 13वां बेलआउट पैकेज हैं। यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ पीस के सेहर तारीक कहते हैं, ‘निर्यात मंदा है, कर्ज बढ़ता जा रहा है, संकेत बेहद खराब हैं।’ हालांकि पाकिस्तान के पास चीन से कर्ज लेने का भी एक विकल्प मौजूद है।
इसी लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रेप ने आईएमएफ को चेता दिया है। क्योंकि उन्हें शक है कि पाकिस्तान इस कर्जे से चीन का कर्जा चुकाएगा।
जो भी हो, पाकिस्तान की हालत खराब है और यह बात आईएमएफ के अधिकारी ने भी कह दी है। लेकिन फिर भी पाकिस्तान खुद को संभालने की जगह भारत पर आतंकवादी हमले करवाते रहेगा। यह पाकिस्तान के नागरिकों के लिए अफ़सोस की बात है। काश वे इस में कुछ कर सकते हैं।