पाक और भारत – बात 1965 की है जब अक्टूबर के महीने में पाकिस्तान विदेश मंत्री जुल्फिकार भुट्टो लंदन के लिए रवाना हुए थे। यहां उनकी मुलाकात इस्कंदर मिर्जा से होनी थी जिन्हें चुपचाप देश से निकाल दिया गया था।
दोनों के बीच पाक और भारत को लेकर जंग की बात हो रही थी।
इस जंग की कहानी के मुताबिक 28 जुलाई को पाकिस्तान की सेना को कश्मीर में घुसना था वहां पर बगावत का शंख बजाना था। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से 9 अगस्त को कश्मीर पर पाक के कब्जे का एलान होता और इस तरह पूरा कश्मीर पाकिस्तान हथिया लेता। कुछ ऐसी ही प्लानिंग की थी पाकिस्तान ने।
1965 में जो लड़ाई हुई थी वो पाक और भारत के बीच दूसरी जंग थी। इस बार भी पाक ने कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से जंग छेड़ी थी। इस जंग में बस पाक को अपनी चाल और अपनी जीत नज़र आ रही थी। भारत भी कोई कदम उठा सकता है, इसके बारे में पाकिस्तान कल्पना भी नहीं करना चाहता था।
बस यहीं पाकिस्तान मात खा गया। अपनी इस गलती की वजह से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी।
1965 की लड़ाई के बाद चार साल के अंदर ही अयूब खान का पूरा राजपाट सिमट गया। कहा जाता है कि अगर ये जंग ना हुई होती और अयूब खान की सेहत ना गिरी होती तो शायद वो कुछ और साल पाक पर हुकूमत कर जाते।
इसके अलावा इस जंग के बारे में ये भी कहा जाता है कि अयूब खान के विदेश मंत्री जुल्फिकार भुट्टो ने 1965 की जंग करवाई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कि भुट्टो ने अयूब को हिप्नोटाइज़ करके इस जंग के लिए हामी भरवाई थी।
1965 की जंग की प्लानिंग एक साल पहले ही गई थी। 1964 में अयूब ने एक कश्मीर पब्लिसिटी कमेटी बनाई थी जिसका मकसद हालात पर नज़र रखना था। विदेश सचिव अजीज अहमद ने अयूब की जानकारी के बिना दो प्लान तैयार करवाए। एक था संघर्षविराम रेखा पार करने का और दूसरा घुसपैठियों को मदद देने का। इसी प्लानिंग का नतीजा था कि 1964 के आखिर तक विदेश मंत्रालय और आईएसआई ने ऑप्रेशन जिब्राल्टर की साजिश रची थी। 1965 तक अयूब को इस प्लानिंग की भनक तक नहीं थी। इस प्लानिंग के लिए अयूब राजी भी नहीं थे लेकिन भुट्टो और अजीज अहमद के जोर देने पर उन्होंने जंग के लिए हामी भर दी।
इस जंग की प्लानिंग के दौरान पाकिस्तान को लगा था कि वो अकेले ही लूडो खेल रहा है। 1965 की जंग कोई अपवाद नहीं थी। पाक ने हमेशा ही ऐसा किया था। 1999 के कारगिल युद्ध में पाक की सोच कुछ ऐसी ही थी। पाकिस्तान ने सोचा था कि बानिहाल और जोजिला से हमला करेंगें और कश्मीर में पोस्टेट सारी आर्मी यहां आ जाएगी और इस तरह कश्मीर खाली हो जाएगा। फिर हम वहां पहुंचकर जीत जाएंगें।
हिंदुस्तान कुछ नहीं कर पाएगा और पाक को जन्नत से भी ज्यादा खूबसूरत कश्मीर मिल जाएगा। इस प्लानिंग के खातिर आप पाकिस्तान को बेवकूफ कह सकते हैं जो उसने दुश्मन को इतना कमजोर समझा। इस जंग में पाक को मुंह की खानी पड़ी और भारत की जीत हुई।