अमरीका और पाकिस्तान की मजबूरी की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है|
दोनों ही देशों के लोगों के दिलों में एक दूसरे के लिए अविश्वास और संदेह की भावनाएं जग जाहिर हैं|
लेकिन ऐसे में एक अमरिकी नागरिक का पाकिस्तानियों के दिल में घर कर जाना दोनों राष्ट्रों के लिए एक अभूतपूर्व उदहारण है|
हम बात कर रहे हैं वारेन वाइनस्टेन के बारे में जिनकी मौत इस साल जनवरी में अमरिकी ड्रोन्स (American Drones) के हमले में हुई| २००४ में यह पाकिस्तान गए और यू एस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ( US Agency for International Development) के एक ठेकेदार के रूप में वारेन का काम था पाकिस्तान में विकास के कार्यों में मदद करना|
यह तो उनका जज़्बा, उनका प्यार था पाकिस्तान के लिए जिसने उन्हें जल्द ही उस देश के रीति-रिवाज़ों, लोगों, भाषा के प्यार में दीवाना कर दिया और वो अपने आप को उन्ही का हिस्सा समझने लगे| पाकिस्तान के ब्यूरोक्रेट शहाब ख्वाजा जिन्होंने वारेन के साथ कई प्रोजेक्ट्स में काम किया था बताते हैं कि वारेन की ख़ास बात थी कि वो हर किस्म के लोगों को अपने साथ लेकर चलने में माहिर थे| हर एक को अपना बना लेते और उनके बन जाते| अमरीकी होने के बावजूद तीखा मसाले वाला खाना जल्द ही अपना लिया उन्होंने जो उनके पाकिस्तानी दोस्तों के लिए हैरानी की बात थी| मतभेद सुलझाने में तो जैसे माहिर थे वो|
एक प्रख्यात पाकिस्तानी पत्रकार रज़ा रूमी भी वारेन की तारीफ़ करते थकते नहीं हैं|
उनके अनुसार वारेन एक मज़ाकिया, अच्छे दिल के सच्चे और ईमानदार इंसान थे जिन्हें फ़र्क नहीं पड़ता था कि वो अमीर के साथ बैठे हैं या गरीब के साथ| वारेन की नेकदिली के ही अनेक क़िस्से उनके पाकिस्तान के बाकी दोस्त भी सुनाते हैं जिनकी आँखें नम हो जाती हैं सोच के कि अब वो इंसान उनके बीच नहीं रहा और उसकी मौत में उसके अपने देश का हाथ है!
जी हाँ, वारेन का अल क़ायदा ने तीन साल पहले अपहरण कर लिया था और इस साल अमरिकी ड्रोन्स ने अल क़ायदा के उस अहाते में हमला किया जहाँ वारेन को बंदी बना के रखा गया था! उसी हमले में उनकी मौत हुई और उनके साथ ख़त्म हो गया एक ऐसे इंसान का जीवन जो तन-मन-धन से पाकिस्तानियों का सच्चा हितैषी था| छोटे-छोटे व्यापारों को बढ़ावा देना हो या अपने देश में पाकिस्तान की छवि को अच्छा दिखाना हो, वारेन के जीवन के आखरी दिन इसी कोशिश में गुज़रे कि किसी तरह पाकिस्तान के लोगों का जीवन अच्छा हो सके| पर उनका अमरिकी होना उनके अच्छे इंसान होने से ज़्यादा नज़रों में आया और कारण बना उनकी मौत का|
आज न केवल उनकी पत्नी, उनके पाकिस्तानी दोस्त, बल्कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी उनकी मौत से सदमे में हैं|
जिन पाकिस्तानियों के दिलों में वारेन अपनी जगह बना गए, शायद उन सभी के आँसु वारेन की याद को हमेशा दिल में जगाये रखेंगे|
कभी कभी ही ऐसे इंसान जन्म लेते हैं जो नफ़रत से भरे पत्थर दिलों में प्यार और सद्भाव का बीज बो जाएँ! वारेन एक ऐसे ही महान पुरुष थे!
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