भारतीय सेना ने म्यांमार में बैठे उन्ग्र्वादियों के ऐसे छक्के छुडाए की पकिस्तान और चीन जैसे देशों की हवा टाइट हो गई है.
धैर्य और हिम्मत का ऐसा नमूना शायद ही आपने देखा होगा.
जब पूरी दुनिया को मालूम पड़ा कि भारतीय सेना ने म्यांमार में छिपे हुए उग्रवादियों ढूंढ कर उन्हें मार गिराया है तो ख़ास तौर पर पकिस्तान जैसे देश को एक ज़ोरदार झटका पहुंचा.
पकिस्तान के नेता निसार अली खान ने बयान दिया है कि भारत, पकिस्तान को म्यांमार न समझे और साथ-साथ यह भी कह दिया कि पाकिस्तानी सेना, यहाँ के आतंकवादियों से लड़ने के लिए सशक्त है.
अब मुझे लगता है कि ये दोनों बयान, निसार अली खान ने पूरी तरह से डिफेंसिव होकर दिए हैं. पाकिस्तानी नेताओं को ये डर है कि भारत कहीं कोई ऐसा निर्णय ना ले ले कि बाद में पकिस्तान को पछताना पड़े.
अब जब निसार अली खान ने कहा कि पकिस्तान सेना अपने देश के आतंकियों को मारने के लिए सशक्त है तो भला सन 2011 में जब अमेरिका ने पकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था, तब निसार अली खान और उनके ये बचकाने बयान कहाँ गए थे.
पकिस्तान का इस विषय पर सतर्क होना ये भी बताता है कि पकिस्तान में कई आतंकी सगठन अपना डेरा डाले हुए हैं और शायद पाकिस्तानी सरकार उन्हें भारत के विरुद्ध फण्ड भी कर रही है.
पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तानी नेता, इमरान खान ने भी भारत के खिलाफ ज़हर उगला है.
मेरे ख्याल से लोग भाजपा सरकार के बारे में चाहे कुछ भी कहें, भाजपा सरकार ने सेना का जिस तरह से इस्तेमाल किया है वह बिलकुल काबिलेतारीफ है. चाहे सीरिया में फंसे भारतीयों को बचाना हो या म्यांमार में उग्रवादियों का खात्मा, भारतीय सेना ने भी बहादुरी का बेजोड़ नमूना दुनिया के सामने पेश किया हैं.
अब भला आप ही बताइये, इस सबस से पकिस्तान की फटेगी नहीं तो और क्या होगा?
मोदीजी ने तो UN की स्पीच में पहले ही कह दिया था कि भारत आतंकवाद अब नहीं सहेगा. अब आप ही बताइये, म्यांमार ऑपरेशन इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि नहीं?
मेरी बस यही प्रार्थना रहेगी कि पकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ आ जाए और पूरी दुनिया को चैन से रहने दे और पाकिस्तानी नेता अपने बड़बोले पण से बाज़ आ जाएं.
पढने के लिए धन्यवाद!
जय हिंद!