पाकिस्तान की हालत खराब है. लग रहा है कि पाकिस्तान ने इस बार न तो रोजे सही से रखे और न ही उसने नमाज ही सही पढ़ी. क्योंकि पाकिस्तान की नमाज नवाज शरीफ और पाकिस्तान पर जिस प्रकार उल्टी पड़ती दिखाई पड़ रही है उसको देखते हुए तो यही कहा जा सकता है.
भारत ने पहले सैन्य सर्जिकल स्ट्राइक की उसके बाद काले धन पर आघात कर पाकिस्तान द्वारा भारत में नकली करेंसी के जरिए हमारी अर्थव्यवस्था को चैपट करने के अरमानों पर पानी फेर दिया. एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनल्ड ट्रंप के जीतने की खबर ने पाकिस्तान की हालत फिर से खराब कर दी.
जिस प्रकार पाकिस्तान और उसके आतंकी सरगनाओं में मातम पसरा हुआ है, उसको देखकर लोग यही कह रहे हैं कि पाकिस्तान को अपने रोजे और ईद आतंकी बुरहान वानी को समर्पित करना अल्लाह ने भी कबूल नहीं किया.
हो सकता है कि रमजान के पाक महीने में पाक ने खुदा से ज्यादा आतंकी बुरहान वानी का नाम लिया वह अल्लाह को नागवार गुजरा हो. वही पाकिस्तान जिस प्रकार अल्लाह के इस्लाम के स्थान पर मुल्लाह का इस्लाम लोगों को सिखा रहा है से भी अल्लाह गुस्से में हो और उन्होंने पाक को सबक सिखाने के लिए पहले नरेंद्र मोदी और फिर डोनल्ड ट्रंप को भेजा हो.
क्योंकि डोनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही पाकिस्तान की हालत ख़राब हो गई है. पाकिस्तान में मायूसी छा गयी है.
पाकिस्तान फिलहाल ट्रंप के जीतने पर चुप रहने में भलाई समझ रहा है, क्योंकि उसको लग रहा है कि ट्रंप भारत का पक्ष लेंगे और पाकिस्तान की हालत ख़राब करेंगे.
पाकिस्तान में भय और दुख का महौल बना हुआ है.
अमेरिकी सीनेट में अब वो सभी विधेयक पारित होने की संभावना बढ़ गयी है जिनसे पाकिस्तानी हित प्रभावित होते हैं, क्योंकि डोनल्ड ट्रंप को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट दोनों में बहुमत हासिल है. इसलिए पाकिस्तान को भय है कि उसे आतंकवादी घोषित करने वाला प्रस्ताव दोबारा लाया जा सकता है.
इसके अलावा आतंकवादियों को संरक्षण देने के आरोप में पाकिस्तान पर अमेरिका प्रतिबंध भी लगा सकता है.
ध्यान रहे डोनल्ड ट्रंप पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बता चुके हैं. डोनॉल्ट ट्रंप यहां तक कह चुके हैं कि हमें पाकिस्तान को ठीक करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रत्याशित आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान को एक और तगड़ा झटका लगा है. आतंक को पालने-पोसने के लिए पाकिस्तान से भारत भेजे गये लगभग 30 मिलियन रुपये के नोट रद्दी में चले गए हैं. अब सर्दियों में आतंकियों के आग में तापने के अलावा वे किसी काम नहीं आएंगे.
भारत में सक्रिय आतंकी और आईएसआई के स्लीपर सेल्स के सामने अब भूखों मरने की नौबत आ सकती है. क्योंकि उनके पास जमा करोड़ों के नकली नोट अब किसी काम के नहीं रह गए हैं. बाहर खाना खाने के लिए भी उन्हें अब बैंकों में जाना पड़ेगा. लेकिन वहां उनका खाता नहीं है और दूसरा कोई उनके नकली नोट लेकर बैंक में खुद को पुलिस के हवाले करने जाएगा नहीं.
तो ऐसे में अब पाक और उसके भाड़े आतंकियों के पास फिलहाल कोई चारा नहीं नजर आ रहा है सिवाए इसके कि वे अब अपना और अपने आकाओं का सिर धुने.
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