पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम यानी बैट को सबक सिखाने के लिए अब भारतीय सेना ने न केवल मन बना लिया है बल्कि इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है.
पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम को उसकी करतूत की सजा देने के लिए भारतीय सेना की जिस टुकड़ी को इसकी जिम्मेंदारी दी जा सकती है उसका नाम है घातक.
ही हां, घातक जैसा इसका नाम है उतना ही खतरनाक इसका काम.
यह भारतीय सेना की स्पेशल कंपनी है जो ‘मैन टू मैन असॉल्ट’ के वक्त बटालियन के आगे चलती है.
अभी भी घातक की बटालियन जम्मू कश्मीर में पाक सीमा के पास मौजूद है. लेकिन अब बदली परिस्थितियों में इसे एलओसी पर पाक फौज की कमर तोड़ने के लिए भेजा जा सकता है.
इनकों दुश्मन के तोपखानों पर हमला करने में महारत हासिल होती है. इन्हें दुश्मन के साथ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने की खास ट्रेनिंग दी जाती है. यही कारण है कि पाक की बैट का गुरूर तोड़ने के लिए घातक को सामने किया गया है.
आपको बता दें कि घातक का ऑपरेशनल रोल अमेरिका की स्काउट स्नाइपर प्लाटून, यूएस मरीन की एसटीए प्लाटून और ब्रिटिश आर्मी की पैट्रोल्स प्लाटून की तरह ही होता है. लेकिन घातक फोर्स के जवानों को अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन के कंमाडों से भी कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है.
बताया जाता है कि इन्हें कर्नाटक के बेलगाम में ट्रेनिंग दी जाती है. कमांडोज को यहां पर हेलीबॉर्न असॉल्ट, पहाड़ों पर चढ़ने, माउंटेन वॉरफेयर, विध्वंस,एडवांस्ड वेपंस ट्रेनिंग, करीबी मुकाबलों का सामना करने और इंफेंट्री की रणनीति सीखाई जाती है.
घातक प्लाटून या घातक कमांडोज स्पेशल ऑपरेशंस को अंजाम देने वाली इंफ्रेंटी प्लाटून होती है. इंडियन आर्मी की हर इंफ्रेंट्री के पास घातक की एक प्लाटून जरूर होती है. इनका मुख्य काम ट्रूप्स के साथ दुश्मन के ठिकानों पर बटालियन की मदद के बिना हमला करना है.
लेकिन जिस प्रकार पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है उसको देखते है अब सेना अपने घातक कंमाडों टुकड़ी को सीमा पर आगे करने को हरी झंडी दे दी है.
घातक फोर्स दुश्मन के अड्डों पर आर्टिलरी और एयर अटैक के जरिए दुश्मन को गहराई तक नुकसान पहुंचा सकती है. हाल में मीडिया में पाक बंकरों को नष्ट करने वाला जो वीडिया चल रहा है ठीक उसी प्रकार ये घातक कंमाडों सेना के पहुंचने से पहले ही दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर देते हैं.
इसके अलावा घातक कमांडों की असली विशेषता दुश्मन के इलाके में घुसकर उसको तबाह करना है ताकि वह हमला करने की स्थिति न रह जाए.
ज्ञात हो कि एक घातक प्लाटून में 20 कमांडोज होते हैं. इसमें एक कमांडिंग कैप्टन, दो नॉन कमीशंड आफिसर्स और कुछ स्पेशल टीम जैसे मार्क्समैन और स्पाटर पेयर्स, लाइट मशीन गनर्स, मेडिक और रेडियो ऑपरेटर्स होते हैं.
बाकी बचे सैनिक असॉल्ट ट्रूपर्स के तौर पर होते हैं.
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