पाकिस्तान में बैन भारतीय चैनल – पाकिस्तान के हुकमरान अक्सर कहते रहते हैं कि वो भारत से दोस्ती करना चाहते हैं, लेकिन भारत है कि बात करने को तैयार नहीं होता, मतलब ये कि वो तो शरीफ हैं लेकिन हमारा देश ही अड़ियल है.
अब ज़रा इनसे कोई पूछे कि भला आज तक हमने इनके चैनल और कलाकारों को भी बैन किया है क्या?
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देश के टीवी चैनलों पर भारतीय कंटेट प्रसारित करने पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया.
डॉन अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) साकिब निसार यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक मामले पर सुनवाई कर रहे थे. यह मामला उच्चतम न्यायालय की कराची रजिस्ट्री में देश के टीवी चैनलों पर विदेशी कंटेंट के प्रसारण से जुड़ा हुआ था.
खबर में बताया गया कि शीर्ष न्यायाधीश ने गुस्से में कहा, “वह हमारे बांध के निर्माण में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं और हम उनके चैनलों पर भी रोक नहीं लगा सकते?” उन्होंने भारतीय कार्यक्रमों के प्रसारण को “बंद करने” और अधिकारियों को “सिर्फ उचित कंटेंट प्रसारित” करने के आदेश दिए.
इससे पहले भी पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक अधिकरण (पीईएमआरए) ने 2016 में स्थानीय टीवी और एफएम रेडियो चैनलों पर भारतीय कंटेंट प्रसारित करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था.
खबर में बताया गया कि लाहौर उच्च न्यायालय ने 2017 में पीईएमआरए द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को यह कहते हुए हटा दिया था कि “विश्व एक वैश्विक गांव बन गया है”. वैश्विक दवाब के चलते भले ही पाकिस्तान भारत से दोस्ती का राग अलापे, लेकिन सच तो ये है कि वो कभी भारत दोस्ती करना ही नहीं चाहता.
पाकिस्तान में बैन भारतीय चैनल – पाकिस्तान हमेशा भारत से सिर्फ और सिर्फ दुश्मनी ही निभाता आया है. भारत में आकर उनके यहां के कलाकार पैसे कमाकर जाते हैं और यहां के फैंस उनपर जान भी लुटाते हैं, लेकिन क्या पाकिस्तान में भारतीय कलाकारों को वो इज्जत मिलेगी?
शायद क्या यकीनन नहीं, उसके बावजूद पाकिस्तान अपने गिरेबां में झांकने की बजाय भारत के ऊपर उंगली उठाता रहता है.