पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट हमेशा ही भारतीय सेना के निशाने पर रहती है।
अगर भारतीय सैनिकों को पता लग जाए कि सीमा पर सामने पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम है तो उनके हाथ गोली चलाने के लिए मचलने लगते हैं। जैसे ही कोई हरकत होती है उसके बाद हर सैनिक की यही कोशिश होती है कि कम से कम इस बटालियन का एक सैनिक तो उसके हाथों मारा जाए।
आपको बता दे कि पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम अक्सर सीमा पर ऐसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देती है जो सैनिक नियमों के विरूद्ध होता है। यह मृत सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत कर भारतीय जनता में खौफ पैदा कर यह दिखाना चाहती है कि वे बहुत बहादुर है।
हाल में शहीद भारतीन जवान मनदीप सिंह के साथ बर्बरता दिखाने का जो घिनौना कार्य किया था वह पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट ने ही किया था। इसके पहले इस टीम ने जनवरी 2013 में भी मेंढर सेक्टर में शहीद हेमराज का सिर काट लिया था, जबकि दूसरे शहीद के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था।
यह दो प्रकार से काम करती है। एक यह कि जब सीमा पर फायरिंग में भारत को कोई जवान शहीद हो जाता है तो ये सीमा में अंदर आकर उसके शव को धारदार हथियारों से टुकड़े टुकड़े कर देते हैं। जब ये सीमा में घुसपैठ करते है तो पाकिस्तानी सेना अंधाधुंध गोलाबारी कर इनको कवर देती है।
दूसरा काम ये करते हैं जब रात में सेना या बीएसएफ के जवान पेट्रोलिंग करते हैं तो ये उन पर घात लगाकर हमला करते हैं। और मृत सैनिकों के शवों के साथ क्रूरता कर कई मर्तबा उनका सिर काटकर भाग जाते हैं। ताकि भारत सरकार और सेना नैतिक दवाब में आ जाए और जनता में उसकी आलोचना होने लगे। ये भी पाकिस्तान की छद्म वार का एक घिनौना हिस्सा है।
बताते चले कि पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम के कमांडों और प्रशिक्षित आतंकियों की मिली जुली टुकड़ी है। इसका काम भारतीय सीमा में घुसपैठ कर अपनी करतूतों को अंजाम देना है। पाकिस्तान सेना इसको क्रूर बनाने के लिए उन्हें खास ट्रेनिंग देती है। इनको प्रशिक्षण इस तरह दिया जाता है ताकि वह क्रूरता की कोई भी हदें पार कर सकें। पाकिस्तान को लगता है कि इनकी क्रूरता देखकर पड़ोसी भारत डर जाएगा।
जबकि पाकिस्तानी सेना बाहर से जितना दिखावा करती है अंदर से उतना डरती भी है।
वह बैट में आतंकियों को भर्ती कर उनका इस्तेमाल भारतीय सेना पर हमला करने के लिए करती है। अगर वे भारतीय सेना के हत्थे चढ़ जाए तो पाकिस्तानी सेना उन्हें स्वीकार करने से मना कर यह कह सकती है कि ये आतंकी है और आतंकियों से उसका कोई लेना देना नहीं है। साथ ही अगर वे भारतीय सेना की पकड़ में आ गए तो उनका जो हश्र होगा वह पाकिस्तान सोचकर भी कांप जाता।
कहा जाता है कि आईएसआई इनको खुफिया सूचनाएं मुहैया कराती है। ये बेहद प्लानिंग के बाद ही ऑपरेशन को अंजाम देती है। बैट के लड़ाकों को प्रशिक्षण देने का काम स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) करती है।
दरअसल, पाकिस्तान यह बात अच्छी तरह जानता है कि वह भारत से कभी भी आमने सामने के युद्ध में नहीं जीत पाएगा। इसलिए उसने सेना और आतंकियों को मिलाकर एक फोर्स बनाई हुई है जो गुरिल्ला युद्ध के जरिए भारत में अपरोक्ष रूप से सैन्य कार्रवाई को अंजाम देती है।