अल्लाउदीन खिलजी – जल्द ही फिल्मी पर्दे पर दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली राजपूताना रानी पद्मिनी की जीवन पर बनी फिल्म पद्मावती को लेकर आ रहे हैं।
रानी पद्मिनी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी थी। इस फिल्म में अल्लाउदीन खिलजी भी अहम भूमिका में है।
संजय लीला भंसानी की इस फिल्म को देखने से पहले अल्लाउदीन खिलजी के बारे में कुछ बातें जान लेंगें तो बेहतर होगा।
कैसे बना सुल्तान
अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की सल्तनत अपने चाचा की हत्या कर हासिल की थी। उसने 1296 से 1316 तक राज किया। वह इतना ज्यादा महत्वाकांक्षी था कि उसे द सेकेंड अलेक्जेंडर कहा जाता था।
अच्छा शासक था
भले ही खिलजी में कई खामियां हों लेकिन वो एक अच्छा शासक था। मेवाड़, रणथंभौर, जालेार, मबर, मदुरै, वारंगल और मालवा को जीतकर उसने अपने राज्य को बढ़ाया था।
रानी पद्मिनी की वजह से हुआ युद्ध
खिलजी ने रानी पद्मिनी और चित्तौड़ को जीतने के लिए चित्तौड़ के राजा राणा रावल रतन सिंह से दोस्ती की और बाद में उस पर आक्रमण कर चित्तौड़ के किले और राजधानी को जीत लिया।
उभयलिंगी था खिलजी
इतिहासकारों की मानें तो खिलजी को पुरुष और महिलाओं दोनों में ही दिलचस्पी थी। सालों तक अपने खास मलिक कफूर के साथ उसके संबंध रहे थे और उसके हरम में कई बच्चे और महिलाएं भी थीं।
जौहर
चित्तौड़ पर खिलजी की जीत के बाद रानी पद्मिनी ने खिलजी का दास बनने से इंकार कर दिया था। रानी पद्मिनी को खिलजी की दासी बनने से अच्छा जौहर करना लगा। कहा जाता है कि जौहर करने के बाद सालों तक खिलजी को रानी पद्मिनी की चीखें सुनाई देती थीं।
फिल्म पद्मावती को देखने से पहले अल्लाउदीन खिलजी के बारे में ये बातें जान लेंगें तो फिल्म में आपकी दिलचस्पी और बढ़ जाएगी। फिल्म के ट्रेलर को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और इसे देखकर लगता है कि ये फिल्म साल की सुपरहिट फिल्म साबित होगी