एक समय था जब केले को ग़रीबों का फल माना जाता था.
किंतु ये तुरंत शक्ति देने वाला केला भी अब गरीबों की अवकात से बाहर हो गया है. यही एक फल है जो पुरे देश में असानी से उपलब्ध है और अधिक लोग इसे खाते है.
ऐसे में राष्ट्रीय खाद्य पदार्थ किसे बनाया जा सकता है?
यह कोई फल या सब्जी नहीं है, फिर भी गरीब से लेकर अमीरों तक की ये देश में पसंद किया जाता है.
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो इसे खाने से परेज करता होगा. वरना भारत में रहकर कोई भी इस पदार्थ से अछूता नहीं रह सकता है. किसी भी वक़्त जिसे खाने के लिए बेताब रहते है वो पदार्थ है पानी पूरी.
पानी पूरी देश भर में क्यों पसंद की जाती है ?
भारत के लोगों को चट पटा खाने की आदत है.
जब तक हर व्यंजन का स्वाद मुह में ना घुले तब तक भारतियों को उस खाने का मजा ही नहीं अता है. यहा पर विभिन्न प्रदेश के मुताबिक खाने पिने के तौर तरीके भी बिभिन्न है और स्वाद भी.
ठीक इसी तरह पानी पूरी के भी क्षेत्र के मुताबिक़ विभिन्न नाम है.
पानी पूरी स्ट्रीट फ़ूड है हुआ करता था. पर अब ये बड़े बड़े होटलों के मेनू में भी दिखने लगा है. भरी हुई पानी पूरी को मुह में डालते ही पहले जुबान को गरम लगता है और फिर ठंडा. तीखा मीठा नमकीन एक एक स्वाद उस पूरी से बाहर आने लगते है. एक पूरी क्या एक प्लेट से पेट नहीं भरता और पेट भरने पर मन नहीं भरता. इसलिए पानी पूरी ख़तम होने के बाद मसाला सुखी पूरी कॉमप्लिमेंट्री में मिलती है.
यही वजह है उत्तर भारत में गोलगप्पे, उत्तर प्रदेश में फुलकी / पानी के बत्ताशे, बंगाल में फुचका, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में गुपचुप अन्य जगहों पर पानी पूरी देश भर में प्रसिद्ध चाट एवं पदार्थ है.
पानी पूरी क्या सेहत के लिए अच्छी होती है ?
जब भी आपका पेट दर्द हो या कोंस्टिपेसन की तकलीफ हो तब डॉक्टर एक ही सवाल सबसे पहले करता है – क्या आपने पानी पूरी खाई?
मतलब साफ़ है की पानी पूरी सच में सभी की पसंदीदा है.
कोई भी खाने-पीने की चीज़ हो अगर उसे स्वच्छता का ख्याल रखते हुए बनाया तो ही वो सेहत को नुकसान देय नहीं है. वरना अगर आप घर में या घर के बाहर दाल चावल भी खाओ तो वह नुकसान पहुचा सकता है.
कहने का मतलब यही है की जो भी खाओ साफ़ सूथरी जगह में बनी चीज़े खाओ. वे शरीर के लिए अपायकारक नहीं होते.
क्या डायट को देखते हुए पानी पूरी नहीं खानी चाहिए?
डायट का असली अर्थ होता है स्वस्थ से भरा हुवा खाना. जो आप समय अन्तराल के बाद थोडा थोडा खाते है.
कहते है पानी पूरी में आलू होता है पूरी तली हुई होती है. यही एक वजह है जो पानी पूरी को डायटीशन खाने से मना करते है. किंतु अब वक़्त बदल गया है. कइ विकल्प इसमें मौजूद है जिससे पानी पूरी सेहत को कोई हानी नहीं पहुचाती है.
सबसे पहले पानी पूरी साफ़ सुथरी जगह से ही लेनी चाहिए. ताज़ी सब्जियों से बनी हो. पानी पूरी में आलू की जगह अंकुरित दाल का इस्तमाल करे, आज कल अंकुरित मुंग कई पानी पूरी वाले रखते है. अंकुरित के साथ अनार दाने का भी इस्तमाल किया जा सकता है, इससे अधिक पोष्टिकता बढती है.
पानी में सफ़ेद नमक ना के बराबर हो और काले नमक का इस्तमाल हो जो दिल को कम नुकसान देती है.
मीठे पानी में शक्कर की जगह गुड और खजूर का अगर इस्तमाल हो तो शरीर में आयरन और खून की बढोतरी होती है.
पानी पूरी को कई विभिन्न व्यंजनों के साथ बना कर इसे हेल्दी बनाया जा सकता है.
अब बताइए क्या पानी पूरी आपको अभी भी नुकसान देह लग रही है?
जिसे पुरे देश वासी पुरे चाव के साथ खाते किसी भी वक़्त खाने के लिए तैयार रहते है. ऐसी पदार्थ को राष्ट्रिय पदार्थ बनाना चाहिए!
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