पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद काले धन पर हमले से नरेंद्र मोदी विरोधी इस कदर हताश हो चुके हैं कि अब उनको मोदी की आलोचना का कोई अवसर नहीं मिल रहा है. लिहाजा वे अब इस हद तक नीचे आ गए हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट पर फर्जी खबरें चलाकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
मोदी विरोधी को लगा कि काले धन पर कार्रवाई करके मोदी देश की जनता में हीरों बन गए हैं.
इससे तो आने वाले उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव में भाजपा को लाभ मिलेगा और उनकी हालत पतली हो जाएगी, क्योंकि काले धन पर कार्रवाई करके मोदी ने उनके सारे मुद्दों की ही हवा निकाल दी है.
इसलिए मोदी को रोकने का तरीका है कि काले धन पर कार्रवाई को लेकर जो 500 और 1000 के नोट सरकार ने बंद किए उसको लेकर भाजपा के खिलाफ ही प्रचार किया जाए. लेकिन मोदी विरोधी के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि इसको कैसे किसा जाए, क्योंकि उनके पास कोई ठोस आधार तो था ही नहीं.
लिहाजा उन्होंने इसके लिए एक ऐसा हथकंडा अपनाया जिसके न सिर थे न पैर.
मोदी विरोधी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की फर्जी बेटी बताकर एक लड़की की फोटों वायरल करा दी जिसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष की बेटी के हाथों जो 2 हजार के नोटों की मोटी गड्डी नजर आ रही है वह सब सेटिंग है और बैंक चोरी छिपे भाजपा के लोगों का काला धन सफेद कर रहे हैं.
जब एक व्यक्ति को केवल 2 हजार रूपए तक मिल सकते हैं तो फिर मौर्य की बेटी के हाथों में इतनी संख्या में नए नोट कहां से आए. वे इसको भाजपा की मिली भगत की संज्ञा देकर खूब प्रचाारित कर रहे हैं.
जबकि हकीकत ये है किउत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की कोई बेटी ही नहीं हैं.
उनके केवल दो बेटे ही हैं. विरोध का ऐसा घिनौना प्रचार शायद ही किसी दूसरे नेता का देखने को मिले.
मोदी विरोधी काले धन को लेकर की गई नोटबंदी को इस प्रकार से प्रचारित कर रहे हैं मानों जैसे देश में कोई आपातकाल की स्थिति हो. पहले नमक और कुछ जरूरी वस्तुओं की कुछ विशेष स्थानों पर कमी की अफवाह फैलाते हैं और बाद में उस खबर को सोशल मीडिया में प्रचारित करवाते हैं. यह सब बड़े ही सटीक तरीके से किया जा रहा है.
जब मोदी विरोधियों के एक झूठ की पोल खुलती है तो वे उसे छोड़कर दूसरा उठा लेते हैं. वे इसी प्रकार अपने झूठ के प्रचार का एजेंडा चला रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में उनका यह हथकंडा अब चलने वाला नहीं हैं, क्योंकि इन हरकतों से उन्हें थोड़े समय के लिए भले ही लोगों की एटेंशन मिल जाए लेकिन हकीकत सामने आने पर उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो रही है.