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भारत का सबसे बड़ा बचाव अभियान!

Operation-Rahat

पिछले 6 महीनों से, यमन में, अपना-अपना राजनीतिक दबदबा कायम करने के लिए इस्लाम धर्म के 2 सम्प्रदायों- सुन्नी और जैदी शिया लोगों के बीच हो रहे दंगे, खून-खराबे तक पहुँच चुके हैं.

सऊदी अरब, ज़ैदी शिया सम्प्रदाय के यमन पर कब्ज़ा करने के मंसूबों पर पानी फेरने की भरपूर कोशिश कर रहा है लेकिन दंगे हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे. इन्ही हालातों को मद्दे नज़र रखते हुए यमन के राष्ट्रपति, डर के मारे यमन की राजधानी, सना से भाग निकले.

और खराब हो रहे हालातों को काबू करने के लिए भारतीय सरकार ने 31 मार्च को रिटायर्ड जनरल वी.के.सिंह को यमन भेजने का फैलसा किया. जनरल वी.के.सिंह एक वरिष्ठ मंत्री हैं और भारतीय सेना के चीफ रह चुके हैं. जनरल वी.के.सिंह को यमन इसलिए भेजा गया था, ताकि वहाँ पर फंसे सभी भारतियों को सही सलामत फिर से भारत ला सकें. इस बचाव अभियान को ऑपरेशन राहत का नाम दिया गया.

Operation-Rahat-yemen

सऊदी अरब, यमन पर हवाई हमले भी कर रहा है और सबसे चुनौतीपूर्ण बात यह थी कि, यमन एअरपोर्ट पर सऊदी अरब का कब्ज़ा है. इसी मस्ले को हल करने के सिलसिले में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सऊदी अरब के राजा, सलमान बिन अब्दुलाजीज़ अल सौद से बात-चीत की. प्रधान मंत्री मोदी जी, सऊदी राजा के घनिष्ट मित्रों में से एक हैं और इसीलिए उन्होंने भारत की मदद करने का प्रस्ताव स्वीकार लिया. प्र.मंत्री मोदीजी ने सऊदी राजा सलमान से दरख्वास्त की कि वे यमन पर हवाई हमले रोक लें ताकि भारतीय नौसेना वहाँ से भारतीयों को सही सलामत भारत ले जा सके.

5 अप्रैल को एयर इंडिया के नेशनल कैर्रिअर ने 488 लोगों को यमन की राजधानी, सना के एअरपोर्ट से 3 अलग-अलग ख़ास उड़ानों के सहारे, बचाया. फिर एक दिन बाद एयर इंडिया के विमानों ने करीब-करीब 574 लोगों को सही सलामत द्जीबूती तक पहुंचाया. भारती वायुसेना भी 2 अप्रैल को 358 लोगों को बचाने में कामियाब रही थी. भारतीय नौसेना ने भी यमन से लोगों को बचाने में अपनी कार्यकुशलता का प्रदर्शन किया.

Indians_from_Yemen

गवाहों का बयान है कि रिटायर्ड जनरल वी.के.सिंह ने निहत्ते ही यमन के शहरों और गावों का निरिक्षण किया. उन्होंने नाहि बुलेट प्रूफ गाडियों का सहारा लिया और नाहि हेलीकॉप्टरों का. वे यमन की सड़कों पर चले और ऑपरेशन राहत को अंजाम दिया.

ऑपरेशन राहत की सफलता के बाद, 26 देशों ने, अपने-अपने देश के लोगों को यमन से बचाने के लिए,  भारत की तरफ मदद की गुहार लगाई. इन 26 देशों में अमरीका, जर्मनी, और फ्रांस जैसे देश भी शामिल थे.

ऑपरेशन राहत की सफलता इस बात का सबूत है कि भारतीय सरकार के चरित्र पर आप भ्रष्टाचार आदि के चाहे कितने भी दाग लगाएं, लेकिन सरकार की ऐसे मामलों में कार्यकुशलता का कोई जवाब नहीं. हमें सिर्फ पूरा दिन अखबारों में और समाचार चैनलों में सिर्फ सरकार के नकारात्मक पहलुओं पर आधारित समाचार प्राप्त होता है. लेकिन हमें भारतीय सेना और भारतीय सरकार की ऐसी आपात स्थितियों में सय्यम से काम लेने के गुण को बिलकुल नहीं नकारना चाहिए.