दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु का विश्व प्रसिद्ध शहर ऊटी, एक ओर जहां प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ ये नव विवाहितों के लिए हनीमून मनाने का भी एक बेस्ट डेस्टीनेशन माना जाता है.
ऊटी में नीलगिरी पर्वतों की श्रृंखलाएं देखने लायक है.
शायद इसलिए इस हिल स्टेशन को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है.
ये तो अभी ऊटी की खासियतों को बताने की महज शुरूआत ही हुई है, जब आप इसकी खूबसूरती के बारे में विस्तार से जानेंगे तो इस हिल स्टेशन पर आप अपने जीवन में एक बार नहीं बल्कि बार-बार आना चाहेंगे.
प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है ऊटी
ऊटी कहें या उटकमंडलम – ये हिल स्टेशन वैसे तो तमिलनाडु का एक खास शहर है, जो अपनी खासियतों के लिए दुनिया भर में मशहूर है.
यह पर्वतीय पर्यटन स्थल समुद्र तल से करीब 7,440 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए काफी हैं.
यहां स्थित दोदाबेट्टा पीक, लैम्ब्स रॉक, कोडानाडू व्यू प्वाइंट, बोटेनिकल गार्डन्स, अपर भवानी झील, नीलगिरी माउंटेन रेलवे के अलावा फूस की छतवाले चर्च, खूबसूरत सड़के और सुंदर कॉटेज जैसी चीजें देखने लायक हैं.
आकर्षण का केंद्र नीलगिरी पर्वत
नीलगिरि या नीले पर्वतों की पर्वतमाला में बसा हुआ ऊटी हर साल भारी तादात में पर्यटकों को आकर्षित करता है. सर्दियों के अलावा यहां साल भर मौसम सुहाना ही बना रहता है. सर्दी के समय तापमान शून्य डिग्री से भी नीचे चला जाता है.
घनी वनस्पति, चाय के बागान और नीलगिरि के पेड़… यहां के पहाड़ों की विशेषता हैं. प्रकृति की इन खूबसूरत वादियों में नवविवाहित जोड़े अपने हनीमून को यादगार बनाने के लिए आते हैं.
खूबसूरत है यहां का वनस्पति उद्यान
प्रकृति प्रेमियों के बीच मशहूर इस वनस्पति उद्यान की स्थापना सन 1847 में की गई थी. 22 हेक्टेयर में फैले इस खूबसूरत बाग की देखरेख बागवानी विभाग करता है.
यहां एक पेड़ के जीवाश्म संभाल कर रखे गए हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह 2 करोड़ वर्ष पुराना है. इसके अलावा यहां पेड़-पौधों की 650 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिलती है.
ऊटी झील में नौका विहार
ऊटी झील में आप नौका विहार करने के साथ मछली पकड़ने का शौक भी पूरा कर सकते हैं. मछली का चारा खरीदने से पहले आपको मछली पकड़ने की अनुमति लेनी होगी.
ऊटी झील का निर्माण यहां के पहले कलेक्टर जॉन सुविलियन ने 1825 में करवाया था. यह झील 2.5 किमी लंबी है इसके अलावा यहां एक बगीचा और जेट्टी भी है. यहां हर साल तकरीबन 12 लाख पर्यटक आते हैं.
डोडाबेट्टा है यहां की सबसे ऊंची चोटी
डोडाबेट्टी इस ज़िले की सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है. यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है, जो ऊटी से महज़ 10 किमी की दूरी पर है. यहां से घाटी का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है.
यहां चीड़ के पेड़ भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं. ऊटी के आस-पास भी देखने लायक बहुत सारे स्थान है, जिनमें मदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य, कोटागिरी और कलहट्टी जलप्रपात शामिल है.
कैसे पहुंचे ऊटी
– वायुमार्ग से ऊंटी पहुंचने के लिए सबसे करीब का एयरपोर्ट कोयंबटूर है, जो कि यहां से 100 किलोमीटर की दूरी पर है.
– रेलमार्ग से ऊंटी पहुंचने के लिए उदगमंडलम रेलवे स्टेशन है जबकि इसका मुख्य जंक्शन कोयंबटूर है.
– सड़क मार्ग के ज़रिए राज्य राजमार्ग 17 से मड्डुर और मैसूर होते हुए बांदीपुर पहुंचा जा सकता है. यह आपको मदुमलाई रिजर्व तक पहुंचा देगा. यहां से ऊटी की दूरी केवल 67 किमी.है.
गौरतलब है कि ऊटी में मौज-मस्ती और घूमने के अलावा, दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद जा सकता है. इसके साथ ही यहां कि मशहूर चाय, हाथ से बनी चॉकलेट, खुशबूदार तेल और मसालों की खरीददारी भी की जा सकती है.
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