रंग बिरंगी गलियां… जगमगाते कोठे और उनके आगे खड़ी सजी धजी वेश्याएं
इधर उधर पान की दुकाने और उनके पास ग्राहकों की टोह लेते दलाल.
ये नज़ारा किसी भी शहर के रेड लाइट एरिया का हो सकता है. वैसे तो ये इलाके आज भी है और आज भी फलफूल रहे है. लेकिन वेश्यावृत्ति के इस पुराने तरीके को छोड़ अब एक नया हाई टेक तरीका भी है.
जहाँ आम रेड लाइट एरिया में पुलिस आसानी से दबिश दे सकती है वहीँ इस नए तरीके में पुलिस के हाथ भी बंधे होते है. इस तरीके से वेश्यावृत्ति खुलेआम होकर भी छुपी रहती है.
आइये आज जानते है वेश्यावृत्ति के इस नए जाल का गोरखधंधा.
वेश्यावृत्ति को दुनिया का सबसे पुराना व्यवसाय माना जाता है. पूरी दुनिया में शायद ही कोई ऐसी जगह नहीं जहाँ ये धंधा नहीं होता है. कहीं चोरी छुपे तो कहीं लाइसेंस के साथ. थाईलैंड,इटली,फ्रांस जैसे देशों में ये व्यवसाय कानूनी रूप से होता है. वहीँ भारत जैसे देश में ये चोरी छुपे होता है
क्या आप जानते है हमारे देश में वेश्यावृत्ति तो कानूनी है पर वेश्यालय चलाना या सेक्स रैकेट चलाना गैर कानूनी.आज के दौर में बहुत सी लड़कियां मज़बूरी के चलते तो बहुत सी लड़कियां आसानी से मोटी कमाई करने के लिए इस व्यवसाय में उतरती है. मजबूर लड़कियों को मिलता है शहर के गंदे इलाके में रेड लाईट एरिया और अपनी मनमर्जी से ये करने वाली को बड़े बड़े होटल के आलिशान कमरे.
वेश्यावृत्ति को लेकर हमेशा से ही हमारे देश में कड़ा रुख रहा है.
जैसे जैसे सेक्स रैकेट पर कानून के शिकंजे कसने लगे, जिस्म के सौदागरों ने अपना कारोबार चलाने के नए नए धंधे इजाद कर लिए. कानून आज भी तकनीकी रूप से उतना आगे नहीं बढ़ा सका. इसी का फायदा उठाते हुए वेश्यावृत्ति का धंधा करने वालों नयी तकनीक का साथ लेकर ऐसा तरीका निकाला कि उन्हें पकड़ना नामुमकिन तो नहीं पर मुश्किल ज़रूर हो गया है.
आज का ज़माना इन्टरनेट और स्मार्ट फोन का है. आज किसी को ज़रूरत नहीं कि वो गन्दी बस्तियों या सडक के किनारे जाकर वेश्याओं को देखे. आज बस इतना करना है कि इन्टरनेट पर अपनी ज़रूरत लिखो और आपके पास हजारों ऑप्शन आ जायेंगे. इतना ही नहीं मिलने जाने पर पकडे जाने का दर भी नहीं. सारा काम ईमेल या मेसेज के जरिये हो जाता है.
अगर आप इन्टरनेट खंगाले तो लाखों की तादाद में ऐसी भारतीय वेबसाईट भी मिल जायेगी जो आपकी शारीरिक ज़रूरत पूरी करने के लिए मनपसन्द साथी भेज सकती है. स्मार्ट फ़ोन आने के बाद तो ये धंधा और भी आसान हो गया है. कॉल गर्ल या उनकी एजेंसियां अब व्हाट्स एप जैसी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके. जगह भाव सब तय कर लेती है.
इस तरह की वेबसाइट के अधिकतर रजिस्ट्रेशन विदेशों के होते है. इसलिए इन्हें पकड़ना भी मुश्किल होता है. ये लोग किसी एक जगह से सेक्स रैकेट नहीं चलाते. बस फ़ोन और इन्टरनेट के ज़रिये ही सारा काम होता है. लड़कियों को भी ये कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से बुलाते है. मतलब इनका कोई परमानेंट पता ठिकाना नहीं होता. ग्राहक की ज़रूरत के हिसाब से काम होता है.
देखा आपने किस तरह से ये नए ज़माने की वेश्यावृत्ति कुकुरमुत्तों की तरह फ़ैल रही है और आसानी से पैसा कमाने के लालच में कितनी ही लड़कियां जिस्म का सौदा करने से भी नहीं हिचकती. वेश्यावृत्ति के इस नए गोरखधंधे पर लगाम लगाना बहुत ही मुश्किल है. सुना है अब तो ये धंधा फेसबुक के जरिये भी होने लगा है.
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