इन्टरनेट के इस ज़माने में सोशल मिडिया ने हम सभी को ऐसे प्लेटफोर्मों का इतना मोहताज़ बना दिया हैं कि आज की इस डिजिटल दुनिया में लोग एकदूसरे से आमने-सामने कम और ऑनलाइन ज्यादा मुलाकातें करते हैं.
फिर वह चाहे ट्वीटर हो या व्हाट्सअप, जीमेल हो या लिंक्डइन या फिर फेसबुक इन सभी जगहों में लोग एकदूसरे से मिलकर दोस्ती करते हैं, और बातचीत शुरू करते हैं.
एक तरह से देखे तो यह सारे साधन उपयोगी भी हैं क्योकि आज की व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास मेलमिलाप के लिए वक़्त बहुत कम होता हैं और इनके ज़रियें लोग एकदूसरे से जुड़े रहते हैं.
लेकिन ऑनलाइन फ्रेंडशिप अगर आप के लिए एक सज़ा बन जाये तो आप क्या कहेंगे.
ऐसा ही एक किस्सा मुंबई के अँधेरी इलाके में सामने आया हैं.
अँधेरी में रहने वाली एक महिला फेसबुक जैसी सोशलमिडिया पर बहुत सक्रिय थी और फेसबुक में अनजान लोगो की फ्रेंडरिक्वेस्ट भी वह स्वीकार करती थी. ऐसी ही एक रिक्वेस्ट उस महिला को कुछ दिन पहले ‘मैक्सवेल लेनर्ड’ नाम के व्यक्ति से आई, जिसे उस महिला ने स्वीकार भी कर लिया और धीरे धीरे उन दोनों में बातचित होने लगी. कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा और उन दोनों के बीच की बातचित दोस्ती में बदलने लगी.
मैक्सवेल नाम के उस व्यक्ति ने दोस्ती के नाम पर महिला को अपने ट्रैप में फ़साना शुरू किया और कुछ ही दिन में वह महिला उस व्यक्ति के जाल में फंस गयी. उस व्यक्ति ने उस महिला को अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए कहा कि “मैंने तुम्हारे लिए अमेरिका से कुछ गिफ्ट भेजे हैं”. शुरुआत में तो महिला ने उन महंगे तोहफों को लेने से मन कर दिया लेकिन मैक्सवेल नाम के उस व्यक्ति ने जब उसे इमोशनली अपने जाल में फसाया तो वह उसके द्वारा भेजे गए गिफ्ट स्वीकार करने के लिए तैयार हो गयी.
कुछ दिन बाद उस महिला के पास तीन कॉल्स आये. पहले कॉल में उस महिला को यह बताया गया कि यह कॉल दिल्ली के कस्टम क्लियरेन्स का कॉल हैं. दुसरे कॉल में उसे यह बताया गया कि यह कॉल रिज़र्व बैंक की ओर से किया गया हैं जिसमे अमेरिका से उनके नाम कुछ चीज़े इंडिया आई हैं और तीसरा कॉल उस महिला को डेल्ही एअरपोर्ट अथौरिटी की तरफ से आया और यह कहा गया कि आप के नाम से जो पार्सल भारत आया हैं उसमे 15 हज़ार पौंड के हीरे, एक लैपटॉप और एक आई फ़ोन हैं जिसे लेने के लिए आपको 4 लाख 35 हज़ार रूपए कस्टम क्लियरेन्स के देने होंगे.
अँधेरी में रहने वाली उस महिला ने जब इतनी रकम देने में असहमति जताई तो उसे धमकाया गया कि उन पर मनी लौंड्रीइंग का केस भी लग सकता हैं. पुलिस और कोर्ट के नाम से डर कर उस महिला ने पूरी रकम बताये गए बैंक अकाउंट में जमा करी दी लेकिन फिर भी उसे गिफ्ट नहीं मिले और तब उसे अपनी साथ हुई ठगी समझ में आई.
उक्त महिला ने इस पुरे मामले की रिपोर्ट लिखित तौर पर क्राइमब्रांच प्रमुख अतुलचन्द्र कुलकर्णी को भेजी.
इस मामले के बाद आप सब से एक निवेदन हैं कि ऐसे प्लेटफोर्म पर दोस्त बनाईये लेकिन बिना उनका बैकग्राउंड जाने अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से भी शेयर न करे.
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