तलाक आजकल आम बात हो गयी है.
तलाक के विभिन्न कारण होते है. जैसे आपस में प्यार खत्म हो जाना, पारिवारिक परेशानी या फिर सबसे बड़ा कारण धोखा या व्यभिचार.
ऐसे किस्से बहुत सुने जाते है जिसमे पति या पत्नी शादी के बाहर भी शारीरिक संबंध बनाते है. जब इस बात का पता चलता है तो अक्सर बात तलाक पर जाकर ही खत्म होती है. बार बार धोखा देना गलत है, लेकिन क्या एक बार फिसल जाना भी गलत है?
आइये देखते है क्या राय है कोर्ट की.
गुजरात में एक आदमी ने अपनी पत्नी से तलाक लेने की अर्ज़ी कोर्ट में लगाई.
उस आदमी के अनुसार उसकी पत्नी के विवाहेतर सम्बन्ध थे. सुबूत और साक्ष्य मिलने के बाद कोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी.
आगे देखिये उसके बाद क्या क्या तमाशा हुआ…
तलाक के बाद उस व्यक्ति की पत्नी ने हर्जाने की मांग की. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने हर्जाने की मांग ये कहकर ठुकरा दी कि उस औरत ने शादी के बाद लगातार अपने पति को धोखा दिया था.
इस कारण वो हर्जाने की अधिकारी नहीं है. लेकिन उन दोनों के बच्चे को हर्जाने का पूरा अधिकार है और उस व्यक्ति को हर महीने बच्चे के पालन पोषण का खर्चा देना होगा.
जिला कोर्ट के इस फैसले को उस महिला ने चुनौती हाई कोर्ट में दी.
हाई कोर्ट में कुछ ऐसा हुआ…
जब केस हाई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को जैसे का तैसे रखा.
कोर्ट ने कहा कि उस औरत ने जानबूझ कर विवाह के बाद भी दुसरे मर्द से सम्बन्ध रखे इतना ही नहीं जब वो गर्भवती थी तो भी उसने गैर मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाये रखे. ये सब धोखे की श्रेणी में आता है और तलाक के लिए जायज़ वजह है. उसके पति को इस तलाक के लिए हर्जाना देने की कोई आवश्यकता नहीं है.
इसके बाद हाई कोर्ट ने जो कहा वो सबसे चौंका देने वाला था… आगे पढ़िए हाई कोर्ट ने शादी के बाद धोखे और व्याभिचार को परिभाषित करते हुए ये कहा
यदि विवाह के बाद कोई पुरुष या स्त्री लगातार किसी और से शारीरिक सम्बन्ध बनाये रखते है तो ये व्याभिचार और धोखे की श्रेणी में आता है. इस परिस्थिति में तलाक हो सकता है और तलाक मांगने वाले को हर्जाना देने की कोई ज़रूरत नहीं है.
आगे पढ़िए कोर्ट की आखिर क्या राय है one night stand के बारे में…
दूसरी ओर कोर्ट ने अपने क्रांतिकारी फैसले में ये भी कहा कि कभी कभी जोश में या गलती से शादी के बाहर शारीरिक संबंध बन जाते है.
अगर ऐसा गलती से एक बार हो जाये तो वो व्याभिचार या धोखे की श्रेणी में नहीं आता . कभी कभी हालात या मानसिक दशा कुछ ऐसी होती है कि इंसान बहक जाता है. इसलिए one night stand अगर हो भी जाए तो उसे माफ़ किया जा सकता है. लेकिन अगर जानबूझ कर ऐसा बार बार किया जाए तो वो गलत है.
तो ये था गुजरात हाई कोर्ट का फैसला व्याभिचार और one night stand के बारे में. आपक अनुसार क्या one night stand माफ़ी लायक अपराध है या ये भी धोखा है अपने साथी के साथ? अपनी राय बताइए कमेंट बॉक्स में.
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