किसने उन्हें जबरदस्ती सेना में भर्ती किया था.
किसने कहा था बंदूक उठाकर सीमा पर मरने के लिए.
ओमपुरी साहब सीमा पर शहीदों से जो सवाल आप आज कर रहे हैं.
काश ये सवाल उस दिन किया होता जब मुंबई पर पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला किया था. पाक आतंकियों के डर से तीन दिन आप अपने घर से बाहर नहीं निकले थे.
जिन पाक कलाकारों के लिए आप शहीद जवानों और सैनिकों का अपमान कर रहे हो, जब पाक परस्त आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था उस वक्त मुंबई को बचाने के लिए ये पाकिस्तानी कलाकार नहीं आए थे. तब सेना के कमांडों और सुरक्षा बलों ने अपनी जान देकर आपकी रक्षा की थी.
ओमपुरी साहब जिस पाकिस्तान और फवाद खान के लिए आप हमारे देश के शहीदों का अपमान कर रहे हो उस फवाद खान ने पाकिस्तान पहुंचते ही आपकी औकात बता दी है.
पाकिस्तान एक ओर जहां हमारे देश में आतंकवादी भेजकर बेगुनाह लोगों और हमारे जवानों का खून बहाकर नफरत उगल रहा है तो वहीं ओमपुरी के मन में पाकिस्तानी कलाकारों के लिए प्रेम उमड़ रहा है.
हम आपको बताते हैं कि ओमपुरी के मन में पाक और फवाद खान के लिए इतना प्रेम क्यों उमड़ रहा है. दरअसल, उसके पीछे पाकिस्तानी फिल्म और पैसा है. ओमपुरी एक पाकिस्तानी फिल्म एक्टर इन लाॅ में काम कर रहे हैं.
पाकिस्तानी नागरिक नवील कुरैशी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में फवाद खान हीरों की भूमिका में हैं. आपको बता दे कि अली मिर्जा प्रोडेक्शन की यह फिल्म बहुत जल्द रिलीज होने वाली है. 31 अगस्त को ओमपुरी इस फिल्म के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान में थे.
ओमपुरी इस फिल्म को भारत और पाकिस्तान में एक साथ रिलीज करवाना चाह रहे हैं लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद यह मामला खटाई में पड़ गया है.
क्योंकि जिस प्रकार भारत से पाक कलाकारों को निकाला गया है और पाक कलाकारों वाली फिल्म भारत में न चलने की धमकी दी जा रही है. उसको देखते हुए यह संभव है कि जवाब में पाकिस्तान में भी लोग इस पाकिस्तानी फिल्म का विरोध करेंगे, क्योंकि इसमें भारतीय कलाकार ओम पुरी काम कर रहे हैं.
यही कारण है कि ओमपुरी ने पाक कलाकारों को भारत से निकाले जाने का विरोध किया. अपनी फिल्म को लेकर मामला खटाई में पड़ता देख ओमपुरी इस कदर बौखला गए कि देशभक्ति का पाठ ही भूल गए.
एक ओर जहां पूरा देश सेना और सुरक्षा बलों के जवानों की सीमा पर शहादत पर गर्व कर रहा है वहीं देश में ओम पुरी जैसे कुछ फिल्मी कलाकार ऐसे भी हैं जिनके लिए सिर्फ पैसा और फिल्म ही सबकुछ है.
कितने दुर्भाग्य की बात है कि एक ओर जवान हमारी और देश की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह नहीं कर रहे हैं वहीं, ओमपुरी जैसे फिल्मी कलाकार चंद रूपयों की खातिर अपनी फिल्म का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.
ओमपुरी जैसे कलाकार पर्दे पर देशभक्ति का जो नाटक करते हैं उसको जब रीयल लाइफ में उतारने की बारी आती है तो इनका असली चेहरा सामने आ जाता है.