ENG | HINDI

यह है भारत का सबसे पुराना खेल, इसके बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप

पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध

खेल की बात आते ही सबसे पहले हमारे मन में क्रिकेट नजर आता है।

आज क्रिकेट इतना ज्यादा पॉपुलर हो चुका है कि इसके दिवाने क्रिकेट के महान खिलाड़ी को भगवान तक मान बैठे हैं।

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। वैसे यहां ले लोगों को हॉकी में नहीं बल्कि क्रिकेट में ज्यादा रुची है। कई और भी खेल हैं कुछ के बारे में लोग जानते हैं कुछ के बारे में नहीं। इस सभी के अलावा यह जानकर हैरानी होगी इनमें से एक भी खेल भारत का पहला खेल नहीं है।

भारत का सबसे पहला और पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध है।

यह सबसे प्राचीन खेल है। बलराम, भीम, हनुमान जैसे कितनों के नाम पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध में प्रसिद्ध है।

पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध युद्ध कला पर आधारित है। यह भारत ही नहीं पाकिस्तान, बंगलादेश सहित कई देशों में प्रसिद्ध है। इस खेल का विस्तार आदिकाल के भारत में रहा है।

वैसे तो पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध को चार भागों में विभाजित किया जाता है जो किसी हिंदू देवता या उस समय के महान योद्धा के नाम पर है।

पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध नाम के पीछे भी एक कहानी है। ऐसा माना जाता है कि मल्ल जाति को द्वंद्व युद्ध में इतनी महारथ हासिल थी कि मुकाबला कोई और नहीं कर सकता था। यही कारण है कि इस खेल का नाम मल्ल-युद्ध और खेलने वालों को मल्ल कहा जाने लगा।

पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध अखाड़े में खेला जाता है। यही उनका मैदान है। इस खेल का जिक्र महाभारत में भी मिलता है। मल्ल जाति को मनुस्मृति में लिछिबी के नाम से जाना जाता है।

इस खेल के हाशिए पर होने का सबसे बड़ा कारण है कि भारत में लोग जाति में बटे हुए हैं। एक समय में जब बौद्ध मतावलंबी लोग स्वीकार करने लगे उनमें मल्लों की संख्या सबसे ज्यादा थी। यही कारण है कि उन्हें ब्राह्मणों के अधिकार से निकाला गया और धीरे-धीरे यह खेल लुप्त होने लगा।

प्रचानी समय में तो पारंपरिक खेल मल्ल युद्ध की प्रतिष्ठा इतनी थी कि लगभग सभी राजा अपने राजदरबार में मल्ल की नियुक्ति करते थे और अखाड़े में मल्ल-युद्ध का खेल खेला जाता था। लेकिन आज हालात यह है कि देश के लोग अपने पारंपरिक खेल का नाम तक नहीं जानते खेलना तो दूर की बात।