ग्रामोफ़ोन
भारत में पहला ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड 1902 में बनाया गया था. 1898 में गौहर जान ने पहला रेकॉर्ड भारत के लिए बनाया था. आज़ादी के वक़्त तक ग्रामोफ़ोन भारत में बहुत आम सा हो गया, बेगम अख्तर जी और कुमार गन्धर्व जी जैसे लोगों के रेकॉर्ड्स खूब सुने जा रहे थे. दादा जी कितने प्यार से एक-एक कला को संभाल कर रखते थे, जैसे की ना जाने ग्रामोफ़ोन और दादा जी में क्या करार हुआ था. महफ़िल सजा करती थी, गीत और ग़ज़ल के शब्दों पर चाय की प्याली के साथ गंभीर बातचीत हुआ करती थी. ग़ज़ल से लेकर ठुमरी तक सब बजा करता था यहाँ. रफ़ी जी के गीत होते थे, असली हिन्दुस्तानी घरानों की आवाज होती थी. आज आपके दादा जी अगर कभी ग्रामोफ़ोन पर कोई गीत सुन लें तो ‘ख़ुशी’ आसुओं के जरिये सामने जरुर आ जायगी, क्योकि अब ग्रामोफ़ोन और उसके रेकॉर्ड्स का दौर कहीं खो गया है.