आप खुद के साथ अब कठोर नहीं होते
युवा उम्र में जब सकारात्मक तरीके से आप खुद को दुसरो से तुलना करने लगते है, तब ख़ास करके किसी बेहतर इंसान के साथ आप खुद को बेहतर करने में जुट जाते है.
Princeton का अभ्यास कहता है कि, खुद को बेहतर करने कि यह होड़ आपको संपन्न बना देती है. ढलती उम्र में आपको किसी भी तरह का डर नहीं लगता. क्योंकि तब तक आप वो सारे कामो में निपुण हो गए होते है, जिन कामो के लिए आप खुद के साथ कठोर व्यवहार कर रहे थे.