धर्म और भाग्य

सूर्य देव को जल चढ़ाने में करें इन नियमों का पालन, वर्ना नहीं मिलेगा लाभ

सूर्य देव को जल चढ़ाने के नियम – हमारे दैनिक जीवन में तो सूर्य का अत्यधिक महत्व है ही, मगर साथ ही साथ धार्मिक दृष्टि से भी सूर्य को देवता माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव का खास स्थान है। आपने सुबह-सुबह कई लोगों को सूर्य देव को जल चढ़ाते हुए देखा होगा। कुछ लोग ऐसा श्रद्धापूर्वक करते हैं। वहीं कुछ लोगों को ज्योतिषों द्वारा ऐसी सलाह दी जाती है।

ज्योतिष शास्त्र एक तरह से किसी व्यक्ति के भूतकाल, वर्तमान व भविष्य का कच्चा चिट्ठा होता है। ज्योतिषी की मदद से सिर्फ भविष्य की घटनाओं का पता ही नहीं चलता है। बल्कि इन्हें बदला भी जा सकता है। राहु-केतु-शनि-सूर्य व अन्य ग्रहों की दिशा व दशा की वजह से किसी व्यक्ति के जीवन में बुरा व अच्छा वक्त आता है। इन ग्रहों की पूजा कर बुरी स्थिति से निपटा जा सकता है।

जब कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति सही ना हो तब ज्योतिष द्वारा सूर्य को जल चढ़ाने की सलाह दी जाती है। मगर कभी-कभी इसका उचित लाभ नहीं मिल पाता है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि सूर्य को जल चढ़ाने का तरीका ही सही ना हो। क्योंकि सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। तभी इसका लाभ मिल पाता है।

तो चलिए आज जानते है सूर्य देव को जल चढ़ाने के नियम –

सूर्य देव को जल चढ़ाने के नियम –

  1. सूर्य देव को जल चढ़ाने की क्रिया में समय का बहुत महत्व होता है। सुबह यानी दिन के 11-12 बजे तक नहीं बल्कि नियम के अनुसार 8 बजे के पहले जल चढ़ा दिया जाना चाहिए। जल चढ़ाने का काम नित्यकर्म करने के पश्चात स्नान करके ही किया जाना चाहिए।

  1. दूसरा सूर्य को जल चढ़ाते वक्त आप किस धातु के बर्तन का उपयोग कर रहे हैं, इसका भी बहुत महत्व है। यदि आप स्टील, कांच या प्लास्टिक आदि का पात्र ले रहे हैं तो यह सही नहीं है। नियमानुसार तांबे के बर्तन का उपयोग किया जाना चाहिए।

  1. अगर आपको लगता है कि जल में अन्य पवित्र सामग्री मिला देने से प्रभाव बढ़ जाएगा तो यह गलत है। कुछ लोग चावल या गुड़ आदि मिलाते भी है। ऐसे करने से उल्टा प्रभाव कमजोर पड़ जाता है। इसलिए सूर्य को सिर्फ जल चढ़ाना चाहिए। यह अन्य ग्रहों को भी प्रभावित करता है।

  1. सूर्य को जल चढ़ाने के लिए दिशा पर ध्यान जाना जरुरी है। हमेशा पूर्व की तरफ देखकर ही जल चढ़ाए। यदि किसी कारणवश सूर्य दिख नहीं पा रहा है, फिर भी जल इसी दिशा में चढ़ाए।

  1. इस नियम का पालन करने की बाध्यता तो नहीं है। मगर सूर्य को चढ़ाने के दौरान सूर्य मन्त्र का जाप कर लिया जाए तो यह ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है।

  1. यदि आप लाल रंग के कपड़े पहनकर सूर्य को जल चढ़ाएंगे तो यह सोने पर सुहागा वाली बात होगी। इससे प्रभाव बढ़ता है। इसके साथ ही जल चढ़ाने के बाद अगरबत्ती व धूप भी दिखा दी जाए तो बेहतर होता है। आप जल में फूल की पंखुडिया भी डाल सकते हैं।

सूर्य देव को जल चढ़ाने के नियम । जो भी सूर्य को जल चढ़ाते हैं, उन्हें इनका पालन करना चाहिए। यदि आपको यह स्टोरी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर कीजिएगा।

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