सूर्यदेव को प्रसन्न कर व्यक्ति जीवन में मान-सम्मान, धनलाभ सभी पा सकता है। कुंडली में सूर्यदेव की शुभ स्थिति कईं प्रकार के लाभ और सफलताओं का कारक होती है।
सूर्यदेव अगर आपसे प्रसन्न हैं और आपकी कुंडली में अच्छे स्थान पर विराजमान हैं तो आपको कामयाबी के शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं हो सकता वहीं अगर सूर्यदेव आपसे रुष्ट हो तो कठिन परिश्रम के बाद भी आपको मनचाही सफलता हासिल नहीं होती। सूर्यदेव को जल अर्पित करने के सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं, ऐसा आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य को जल चढ़ाने के भी कुछ नियम हैं और अगर आप उनका पालन नहीं करते हैं
तो सूर्य देव प्रसन्न नहीं बल्कि नाराज़ हो जाते हैं। आइए आपको बताते हैं कि सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
तांबे के लोटे से चढ़ाए जल- सूर्य देव को जल हमेशा तांबे के लोटे से ही अर्पित करना चाहिए। स्टील या एल्युमिनियम के लोटे से जल चढ़ाने पर सूर्यदेव रुष्ट हो जाते हैं।
पूर्व दिशा में रखे मुख- सूर्य को जल चढ़ाते समय अपने मुंह को पूर्व दिशा की ओर रखें, अगर आप किसी और दिशा की तरफ मुंह रखकर सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो गलत है।
समय का भी रखें ध्यान- सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म मुहूर्त होता है लेकिन अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में जल अर्पित नहीं कर पा रहे हैं तो सुबह 8 बजे से पहले ज़रूर चढ़ा दे अन्यथा आप पुण्य अर्जित नहीं कर पाएंगे।
मंत्रजाप भी है ज़रूरी- सूरज दादा को जल चढ़ाते समय ऊं आदित्याय नम:, ऊं भास्कराय नम: का जाप करें।
पैरों को ना छुए जल- इस बात को अधिकांश लोग नहीं जानते हैं और इसलिए इस गलती को करते हैं। सूर्य देव को जल चढ़ाते समय जल कभी भी आपके पैरों को नहीं लगना चाहिए। इसके लिए आप एक बर्तन रखकर उसमें जल चढ़ा सकते हैं जिसे बाद में आप पौधों में अर्पित कर सकते हैं।
इतनी बार चढ़ाए जल- सू्र्य देव को जल 11 बार चढ़ाना चाहिए और हर बार थोड़ा-थोड़ा जल चढ़ाते समय उनके मंत्र का जाप करना चाहिए।
जल में मिला सकते हैं ये चीज़ें- सू्र्यदेव को जल चढ़ाते समय आप उसमें कुमकुम और मिश्री मिला सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मीठा जल सूर्य देव को बहुत पसंद होता है और इसे चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं।
सिर पर रखे हाथ- सूर्य देव को जल चढ़ाते समय सिर पर हाथ रखना चाहिए। इससे सूर्य की किरणें कईं प्रकार के लाभ पहुंचाती हैं।
जल चढ़ाने के बाद करें परिक्रमा- सू्र्य देव को जल चढ़ाने के बाद तीन बार परिक्रमा करें, और उस स्थान को भी प्रणाम करें जिस पर आपने जल चढ़ाया हो।
सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए तभी आप उनकी कृपा के हकदार होंगे। सूर्यदेव को जल चढ़ाने से बेशक उनकी कृपा मिलती है लेकिन कुछ साधारण सी गलतियां उन्हे रूष्ट भी कर सकती हैं इसलिए इन बातों का ध्यान रखें।