सेक्स एजुकेशन की जब भी बात आती है, तब सबसे पहले यही ख्याल आता हैं कि अगर स्कूलों में यौन शिक्षा देनी हैं तो कैसे दे और उससे भी बड़ा सवाल तो पहले यह उठाता हैं कि सेक्स की यह शिक्षा दी जाये या नहीं?
सेक्स से जुड़ी इस शिक्षा को लेकर सभी लोगों के अपने अलग अलग विचार हैं, लेकिन अभी कुछ दिन पहले BMC ने यह तय किया हैं कि वह बच्चों को अपने स्कूलों में यौन शिक्षा या सेक्स एजुकेशन भी पढ़ायेंगे.
BMC ने कहा कि यौन संबंधों से जुड़ी जानकारी 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चों के पाठ्यक्रम में सम्बद्ध कर दी जाएगी.
लेकिन BMC ने सेक्स से जुड़ी पढ़ाई को “शारीरिक आरोग्य शिक्षा” का नाम दिया हैं ताकि बच्चों और उनके अभिभावकों के अंदर इस पढ़ाई को लेकर कोई झिझक न रहे.
इस विषय में और अधिक बात करते हैं BMC प्रशासन ने बताया कि BMC के स्कूलों में 9वीं 10वीं कक्षा में बच्चों को यह ज्ञान ‘मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसायिट’ द्वारा एक साथ मिल कर दिया जायेगा. जानकारी के अनुसार अभी BMC की 45 से ज्यादा स्कूलों में नवीं और दसवीं क्लास के बच्चे है, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं और शिक्षा सत्र 2015-16 के दौरान बच्चों को अलग अलग सत्रों में यह शिक्षा देने की योजना बना रहे हैं.
बॉम्बे मुन्सिपल कारपोरेशन द्वारा शुरू की गयी यह पहल लोगों को इतनी पसंद आ रही हैं कि सभी लोग इस काम की सराहना कर रहे हैं. लोगों के प्रोत्साहन को देखकर BMC प्रशासन भी यह काम सिर्फ सतही तौर पर नहीं करना चाहता जिसके लिए उसने इस शिक्षा से जुड़े ज़रूरी लोगों को भी अभी से तैयारीं करने में लगा दिया है. इस तैयारी के तहत BMC ने हर स्कूल में जाने के लिए मेडिकल ऑफिसर की एक टीम भी बनायीं हैं. और उन्हें बच्चों को कैसे पढ़ाया जाये इस बात की भी ट्रेनिंग देना शुरू कर चुकी हैं.
यौन शिक्षा से जुड़ी इस पढ़ाई में बच्चों को यह बताया जायेगा कि उम्र के साथ होने वाले शारीरिक बदलाव बिलकुल सामान्य बात हैं, साथ ही लड़कियों को होने वाले मासिक धर्म, यौनिक अंग से जुड़ी शिक्षा, प्रजनन और परिवार नियोजन जैसे अनेक विषयों की जानकारी दी जाएगी,
BMC द्वारा करी गयी इस पहल में शिवसेना की नगर सेवक शीतल महात्रे ने कहा कि यह बात अच्छी हैं कि हम इस विषय में बात करने को तैयार हो रहे क्योंकि आज के समय में जिस तरह से बच्चियों का भी शोषण हो रहा हैं उसे रोकने में कोई मदद मिलेगी और ऐसी घटनाओं में कमी आ पाएंगी और मैंने BMC से यह भी कहा हैं कि इस विषय की जानकारी किसी सामान्य शिक्षक के बजाये कोई मेडिकल कंसल्टेंट ही दे ताकि बच्चों के सही जानकारी प्राप्त हो सके.
वैसे यह बात तो तय हैं कि हमें अब सेक्स को लेकर बात करना ही होगा क्योकि यह मानव प्रवृति हैं कि उससे जो चीज़ छुपायी जाये वह उसकी और अधिक लालच से आकर्षित होता हैं और लालच का परिणाम हमेशा बुरा ही होगा मगर BMC द्वारा शुरू की गयी यह पहल सराहनीय ज़रूर हैं.