ENG | HINDI

एक करोड़ बैंक खाते हैं सरकार के रडार पर कहीं आप तो नहीं है जानिए कैसे

नोटबंदी के दौरान

नोटबंदी के दौरान जिन खातों में 2 लाख या उससे अधिक पैसे जमा हुए हैं वे सरकार की निगरानी में हैं.

कहीं आप तो सरकार की निगरानी में नहीं हैं इसको लेकर आप सतर्क रहिए.

यदि आप के पास एक से अधिक खाते हैं और नोटबंदी के बाद आपने उनमें 2 लाख से अधिक रूपया जमा किया हैं और बाद में उन खातों से वह रकम निकाली है तो आप से सवाल जवाब हो सकतें है.

वहीं नोटबंदी के दौरान यदि आपने अपना पैन कार्ड किसी दोस्त या रिस्तेदार को मदद के तौर दिया था और वह आपका नंबर किसी खाते में पैसा जमा करने के दौरान उपयोग हुआ है तो भी आप जांच के दायरे में आ सकते हैं.

राजस्व विभाग ने स्वच्छ धन अभियान की शुरूआत की है. जिसके पहले चरण में 18 लाख संदिग्ध मामलों का पता लगाया है. यह अभियान अगले दो साल तक जारी रहेगा.

हालांकि इन 18 लाख संदिग्धों को सरकार ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है. लेकिन विभिन्न इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म के जरिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.

क्योंकि 18 लाख इन लोगों ने नौ नवंबर से 30 दिसंबर के बीच पांच या पांच लाख रुपए से अधिक जो पैसा जमा कराए हैं सरकार को इन खातों की आय और बैंक जमा में कोई संबंध नजर नहीं आ रहा है.

केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान जितने पैसे बैंक खातों में जमा हुए हैं, उनमें से अधिकांश खातों में दो लाख या उससे अधिक रुपए जमा कराए गए हैं.

सरकार ने कई संदेहास्पद खातों की जांच की. जांच में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें एक ही पैन नंबर का इस्तेमाल 20 बैंक खातों के लिए हुआ है.

गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद जमा किए गए पुराने नोट के रूप में जो पैसे बैंक खातों में जमा हुए हैं, उनमें से दो-तिहाई पैसा दो लाख से अधिक के रूप में जमा कराया गया है. इस तरह से कुल 10.38 लाख करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं.

इतना ही नहीं, नोटबंदी के दौरान 5.48 लाख करोड़ रुपए कुल एक करोड़ नौ लाख बैंक खातों में जमा कराए गए. इन बैंक खातों में दो से 80 लाख रुपए तक जमा कराए गए हैं.

साथ ही जिन खातों में 80 लाख से अधिक रुपए जमा कराए गए हैं, उनकी संख्या 1.48 लाख है. इस तरह से जमा कराए गए रुपए कुल 4.89 लाख करोड़ हैं.

लिहाजा सरकार ने तय किया है वह ऐसे लोगों को नोटिस भेजकर उनसे जमा किए गए पैसे का हिसाब मांगेगी.