भोजन हमारे पेट की भूख को मिटाकर हमारे पेट और मन को संतुष्टि प्रदान करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप जिस तरह का खाना खाते हैं – आपके विचार भी वैसे ही बन जाते हैं.
जैसे सात्विक भोजन करने से हमारे विचार भी सात्विक बनते हैं जबकि तामसिक भोजन करने से हमारे विचारों में भी तामसिकता आने लगती है.
कई बार ऐसा होता है कि हमारे दोस्त या रिश्तेदार हमें खाने पर बुलाते हैं और हम बड़े शौक से खाना खाने चले जाते हैं.
लेकिन हमारे शास्त्रों में ऐसे 10 लोगों का ज़िक्र मिलता है, जिनके घर खाना नहीं खाना चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक अगर हम ऐसे लोगों के घर खाना खाते हैं तो पाप के भागीदार बन सकते हैं.
आइए हम आपको बताते हैं कि गरुड़ पुराण के मुताबिक किन लोगों के घर खाना खाने से बचना चाहिए.
1- चोर या अपराधी
जिनका अपराध कोर्ट में साबित हो चुका है, ऐसे किसी अपराधी के घर में खाना खाने से बचना चाहिए. शास्त्र के मुताबिक चोर या अपराधी के घर खाना खाने से उसके पापों का असर हमारे जीवन पर भी पड़ सकता है.
2- ब्याज पर पैसे देनेवाला सूदखोर
किसी मजबूर व्यक्ति को पैसे देकर उनसे तगड़ा ब्याज वसूलने वाले सूदखोरों के घर खाना खाने से बचना चाहिए.
शास्त्र के मुताबिक ऐसे लोग किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर मुनाफा कमाते हैं और गलत ढंग से कमाया गया पैसा पाप के समान है.
3- छूआछूत का मरीज़
अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी की चपेट में है या फिर छूआछूत का मरीज है तो उसके घर भी खाना खाने से बचना चाहिए.
शास्त्र कहता है कि ऐसे मरीजों के घर के वातावरण में बीमारियों के कीटाणु हो सकते हैं और उनके घर खाना खाने से हम भी उस बीमारी की गिरफ्त में आ सकते हैं
4- ज्यादा गुस्सा करनेवाला व्यक्ति
गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. गुस्से में आकर अक्सर इंसान अच्छे और बुरे का फर्क भूल जाता है. ऐसे लोगों के घर खाना खाने से उनकी तरह गुस्सा करने का अवगुण हमारे अंदर भी आ सकता है.
5- चरित्रहीन महिला
शास्त्र के अनुसार अपनी मर्ज़ी से अधार्मिक आचरण करनेवाली चरित्रहीन महिला के घर खाना खाने से बचना चाहिए.
गरुड़ पुराण में ज़िक्र मिलता है कि ऐसी महिला के घर खाने से हम भी उसके द्वारा किए गए पापों के भागीदार बन सकते हैं.
6- नपुंसक या किन्नर
ऐसा माना जाता है कि किन्नरों को दान देने से पुण्य मिलता है. शास्त्र के मुताबिक किन्नरों को दान तो करना चाहिए लेकिन उनके यहां कभी खाना नहीं खाना चाहिए.
क्योंकि किन्नरों को कई लोग दान देते हैं, जिनमें अच्छे और बूरे दोनों तरह के लोग होते हैं. इसलिए उनके घर खाने से बचना चाहिए.
7- जिसमें दया भाव न हो, ऐसा व्यक्ति
दूसरों के लिए अमानवीय भावना रखनेवाले या फिर उन्हें कष्ट देनेवाले व्यक्ति के घर खाना नहीं खाना चाहिए. ऐसे लोगों द्वारा कमाए गए पैसों से बना खाना खाने से हमारे स्वभाव में भी कठोरता आ सकती है.
8- प्रजा को कष्ट देनेवाला निर्दयी राजा
अपनी प्रजा के हितो का ख्याल न रखनेवाले और उन्हें कष्ट देनेवाले राजा के घर भी खाना नहीं खाना चाहिए. राजा की ज़िम्मेदारी होती है कि वो अपनी प्रजा का ख्याल रखे और उनके प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करे. शास्त्र के अनुसार ऐसे राजा के घर खाने से हम भी उसकी तरह निर्दयी हो सकते हैं.
9- दूसरों की बुराई करनेवाला व्यक्ति
जिन लोगों को दूसरों की चुगली या बुराई करने की आदत होती है उनके यहां भी खाना खाने से बचना चाहिए, क्योंकि बुराई करनेवाले लोग किसी को भी परेशानी में फंसा कर मज़ा ले सकते हैं. चुगली करना या बुराई करने को पाप करने के समान माना गया है.
10- नशीली चीजें बेचनेवाला व्यक्ति
नशा करना या फिर नशीली चीज़ों को बेचना पाप की श्रेणी में आता है, क्योंकि नशा कई घरों को बर्बाद करने की वजह बन जाती है.
इसलिए गरुड़ पुराण के मुताबिक ऐसे लोगों के घर खाना खाने से बचना चाहिए. ऐसे लोगों के घर खाने से उनके पाप का असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है.
बहरहाल अब आप जब भी किसी के घर खाने के लिए जाएं तो गरुड़ पुराण में बताए गए इन 10 बातों का विशेष ख्याल रखें और खुद को पाप का भागीदार होने से बचाएं.
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