नास्त्रेदम की भविष्यवाणी – फ्रांस में सन् 1555 में नास्त्रेदम ने अपने विचारों से भरी एक रहस्यमयी किताब लिखनी शुरू की थी जिसके अंदर उन्होंने दावा किया था कि भविष्य में पृथ्वी पर ऐसी घटनाएं अवश्य होंगी जो उस विनाश की ओर ले जाएंगीं.
सैकडों साल पहले से ही घटनाओं और आपदाओं की भविष्वाणी करते हुए, नास्त्रेदमने अपनी मृत्यु से पहले यह सब साबित कर दिया था कि एक ना एक दिन यह सब पृथ्वी पर होगा और उसमें से कई बार ऐसा सही में हुआ.
आज हम नास्त्रेदम की भविष्यवाणी में से साल 2018 में होने वाली घटना के बारे में बताने जा रहे हैं –
कुछ रिपोर्टों की मानें तो नास्त्रेदम ने 2018 में भयानक घटनाएं होती देखी थी. फ्रांस के नास्त्रेदम की भविष्यवाणी में उन्हों ने कथित रूप से कहा था कि कैसे मरे हुए कब्र से उठेंगे और कई देशों को परिवर्तनों का सामना करना पड़ेगा. प्रकृति दुनिया को बुरी तरह से झिंझोड़ कर रख देगी, जैसा पहले कभी नहीं हुआ होगा.
सबसे भयावह नास्त्रेदम की भविष्यवाणी की किताब लेस पैबलीज के चौथे अध्ययन में वर्णित है, जिसमें उन्होंने “तीसरे विश्व युद्ध” का वर्णन किया है. नास्त्रेदम ने अपने इस अध्याय में लिखा था कि “बड़े युद्ध” कैसे शुरु होंगे. बड़े युद्ध फ्रांस से शुरू होंगे और सभी यूरोप पर हमला करेंगे.
उन्होंने लिखा – “एक युद्ध दो महान विश्व शक्तियों के बीच शुरू होगा और 27 सालों तक चलेगा. एक परमाणु विस्फ़ोट और प्राकृतिक आपदा हमारे ग्रह को तब तक नष्ट करती रहेगी जब तक एक विशाल ग्रह पृथ्वी तक ना पहुंच जाए.
नास्त्रेदम ने साथ ही इस बात की भविष्यणी भी की कि किस तरह पश्चिम में भूकंप आएंगे और 16000 लोग इस कारण मारे जाएंगे. पृथ्वीपर ऐसा हर कोने में देखा जाएगा. प्रकृति पूरी तरह से सब नष्ट करने लगेगी. नास्त्रेदम ने आज से कई सैकडों साल पहले ही इसकी वजह का वर्णन किया था कि कैसे भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग सब खत्म कर देगी.
कई लोगों का वैसे मानना है कि यह एक गलत व्याख्या या बुरे अनुवादों का परिणाम है. नास्त्रेदम अपनी किताबों में कुछ और ही कहना चाहते थे. लेकिन यह बात तो सारी दुनिया जानती है कि नास्त्रेदम इतिहास के सबसे बड़े भविष्य वक्ता रहे हैं.