उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग – दुनिया के मैप पर चींटी जितना दिखने वाला उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जिसने दुनिया के सभी बड़े देशो की नाक में दम कर के रखा है.
इस देश की लगभग पूरी दुनिया से ही दुश्मनी है. उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन बिना किसी हिचकिचाहट के अमेरिका जैसी महाशक्ति को भी धमकी दे डालता है. अमेरिका ने इस देश पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हुए हैं लेकिन फिर भी यहां का तानाशाह उनकी एक नहीं सुनता और एक के बाद एक परमाणु और मिसाइल परीक्षण करता रहता है.
उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन दिमागी तौर पर सनकी और बेहद खतरनाक भी हैं. इस देश को पूरी तरह से यही चलाता है और इसके पास परमाणु हथियार हैं जिससे ये पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है.
किम जोंग ने आजतक कई बडे देशो से पंगा लिया है लेकिन आजतक वो भारत के खिलाफ़ एक शब्द तक नहीं बोला. तो आखिर क्या राज़ है जो ये सनकी तानाशाह भारत से इतना भयभीत है.
ये तो हम सभी जानते हैं कि दुनिया में इस समय सबसे ताकतवर देश है अमेरिका और जब किम जोंग इतने बडे देश को धमकी दे सकता है तो भारत से उत्तर कोरिया का इतना घबराना क्यों?
आपको बताते हैं कि इसके पीछे एक मात्र कारण हैउत्तर कोरिया और भारत के राजनीति और व्यापारिक रिश्ते.
वैसे माना जाता है कि उत्तर कोरिया किसी का सगा नहीं है. अब चीन के साथ ही देख लीजिए इतने समय से चीन उत्तर कोरिया के साथ था और अब उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग ने उसे ही धमकी दे डाली कि अगर हमारे रास्ते में कोई आया तो हम उसे भी नही छोडेंगे.
ब्रिटेन से सन 1953 में आजादी मिलने के बाद उसने सभी देशों से दुश्मनी मोल ली. आपको बता देंकि उत्तर कोरिया कई देशों के ऊपर परमाणु हथियारों से हमला करने की क्षमता रखता है लेकिन उत्तर कोरिया भारत के लिए कभी कोई परेशानी का साधन नहीं बना. यहां तक कि आजतक उत्तर कोरिया ने भारत को कभी भी दुश्मनी भरा रवैया नहीं दिखाया है. साल 1970 से लेकर आजतक दोनों देशों के बीच बेहद अच्छे राजनीतिक संबंध हैं और इसके साथ-साथ भारत उत्तर कोरिया के सैनिकों को प्रशिक्षण भी देता है. वैसे तो भारत ने हमेशा उत्तर कोरिया के परमाणु प्रशिक्षण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है और उत्तर कोरिया व्यापारिक रिश्ते के चलते भारत के खिलाफ़ एक शब्द तक नहीं बोला.
आपको बता दें कि कोरिया युद्ध में भारत ने उत्तर कोरिया के खिलाफ़ जंग में खुला समर्थन दिया था. वहीं दूसरी ओर भारत ने युद्ध के अंत में उत्तर कोरिया के घायल सैनिकों के लिए भारत से डॉक्टरों की एक टीम भी भेजी थी.
भारत ऑटो पार्ट्स के व्यापार में उत्तर कोरिया को रिफाइन पेट्रोलियम भेजता है. उत्तर कोरिया भारत के खिलाफ़ इसलिए भी आवाज़ नहीं उठा सकता क्योंकि भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां से उत्तर कोरिया में सबसे अधिक मात्रा में खाने की चीजे इंपोर्ट की जाती हैं. भारत ने उत्तर कोरिया की मदद साल 2002 और 2014 में की थी जब वहां अकाल पड़ा था.
भारत ने उत्तर कोरिया पर और भी कई एहसान कर रखे हैं.
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