ENG | HINDI

नॉनवेज खाने को लेकर हुआ ये चौंका देने वाला खुलासा, देश में इतने प्रतिशत लोग हैं नॉन वेजेटेरियन

नॉनवेज

नॉनवेज अच्छा है कि वेज फूड बेहतर है, इसको लेकर हमेशा से बहस चलती आई है और आने वाले वक्त में चलती भी रहेगी।

जहां नॉनवेज खाने वाले लोग, वेज फूड को घास-फूस कहकर इसका मज़ाक बनाते हैं तो नही वेज खाने वाले लोगों को इससे बेस्ट कुछ नहीं लगता।

खैर, हम इस बहस में ना जाते हुए आज यहां आपको उस आंकड़े के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको ये बताएगा कि हमारे देश में नॉनवेज चलन में हैं या फिर वेज खाने वाले लोग अधिक हैं।

नॉनवेज

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन जहां अक तरफ सरकार 2 अक्टूबर यानी की गांधी जयंती को शाकाहारी दिवस के रूप में मनाना चाहती थी तो वही आंकड़े कुछ और ही कहते हैं।

नॉनवेज

जी हां, सरकार भले ही शाकाहार को फेमस करने के जतन में लगी हो लेकिन अगर आप रिसर्च में जो बात सामने आई है उस पर गौर फरमाएंगे तो पाएंगे कि हमारे देश में इस वक्त वेज से कही ज्यादा चलन में है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के मुताबिक भारत के 80 प्रतिशत पुरूष और 70 प्रतिशत महिलाएं कभी ना कभी अपनी डाइट में नॉनवेज को शुमार करते हैं। ये लोग कभी-कभी अंडा, मछली, चिकन और मीट जैसे आइटम को अपने खाने में शामिल करते हैं।

नॉनवेज

इस सर्वे में ये बात सामने आई है कि नॉनवेज खाने वाले लोग भी अपने डेली रूटीन में दाल, हरी और पत्तेदार सब्जियां खाते हैं लेकिन फिर भी महीने मे कईं बार ये लोग नॉनवेज को भी अपने खाने का हिस्सा बनाते हैं।

नेशनल फैमिली हेल्थ के 2015-16 सर्वे में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि  कुल मिलाकर 42.8 पर्सेंट भारतीय महिलाएं और 48.9 प्रतिशत पुरूष हफ्ते में एकबार जरूर मछली, चिकन और मीट खाना पसंद करते हैं।

एज ग्रुप के हिसाब से देखा जाए तो 19 साल से ऊपर की उम्र के लोग हफ्ते में कभी ना कभी अंडे और अन्य कोई नॉन वेज आइटम खाना जरूर पसंद करते हैं। इस सर्वे में जो डाटा सामने आया है उसके अनुसार, केरल, गोवा और असम में वीकली तौर पर सबसे ज्यादा मछली, चिकन या मीट खाने वाली महिलाएं हैं। केरल, गोवा और असम में क्रमश 92,85 और 80 प्रतिशत महिलाएं मांसाहार का सेवन करती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन शादीशुदा और कुंवारे, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के आधार पर भी ये आंकड़े भिन्न हैं।

नॉनवेज

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के विशेषज्ञों के मुताबिक,  ‘मांसाहर से हमे जो प्रोटीन मिलता है वो उच्चा गुणवत्ता का होता है इसलिए उससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में एमिनो एसिड प्राप्त हो जाता है तो वही दूसरी तरफ हरी और पत्तेदार सब्जियों में एमिनो एसिड कम होता है, जिस वजह से उससे मिलने वाला प्रोटीन भी उच्च क्वालिटी का नहीं होता है।’

रिसर्च में सामने आई इस बात को जानना आपके लिए भी रोचक रहा होगा ऐसी हमें पूरी उम्मीद है। वैसे अगर आपका भी कोई दोस्त है जिसे नॉनवेज बहुत पसंद है तो आप उसके साथ इस आर्टिकल को ज़रूर शेयर करें।