चोरी करने वाले भी बड़े तेज दिमाग वाले होते हैं. ऐसे-ऐसे तिकड़म करते हैं कि लोग हैरान हो जाएं. नोएडा में एक गिरोह ने वहीं बैठे-बैठे गई दूसरे देश के नागरिकों से लाखों रुपए लूट लिए.
नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत 12 से ज्यादा देशों में विदेशियों से ठगी करता था. यह गिरोह माइक्रोसॉफ्ट विंडो यूज करने वाले लोगों के सिस्टम पर फर्जी पॉप-अप मैसेज भेजता था और इसके जरिए वह लोगों को फांस लेता था.
दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने नोएडा पुलिस से नोएडा व ग्रेटर नोएडा में चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर को लेकर शिकायत की थी कि कुछ लोग विदेशी नागरिकों से रोजाना लाखों रुपए की ठगी कर रहे हैं.
इसके बाद पुलिस की अलग-अलग 8 टीमों ने पिछले 2 दिनों से लगातार छापेमारी करके 27 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें नोएडा के सेक्टर-2, 3, 6, 8, 135 के अलावा सेक्टर-62 व ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक-3 से भी कॉल सेंटर शामिल हैं. पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर बीबीए, एमबीए व बीटेक कर चुके छात्र हैं.
जांच में पता लगा कि ठगी करने वाले माइक्रोसॉफ्ट के फर्जी लोगो का इस्तेमाल करते थे. वो हेल्पलाइन नंबर के लिए अमेरिका के वर्चुअल नंबर को जनरेट कर लेते थे. इसके बाद जब कोई झांसे में आकर कॉल करता था तो फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करके खुद को माइक्रोसॉफ्ट का इंजीनियर बताते. पेमेंट के लिए तैयार होने पर पे-पाल या दूसरे अकाउंट में पैसे मंगा लेते थे. इस तरह उनकी पहचान छुप जाती थी. जब पॉप-अप भेजे जाने वाले आईपी की उसकी जांच हुई तब पता चला कि डोमेन और सर्वर इंडिया के अलग-अलग शहरों के हैं. इस आधार पर माइक्रोसॉफ्ट, एफबीआई व कनाडा पुलिस की मदद से इन जालसाजों तक पहुंचा गया.
उधर, यूएसए में माइक्रोसॉफ्ट के पास शिकायतों का अंबार लग गया. हजारों शिकायतें रोजाना आती थीं. डिजिटल क्राइम यूनिट की असिस्टेंट जनरल काउंसेल कोर्टने ग्रेजिओर ने बताया कि पर्सनल कंप्यूटर पॉप-अप के जरिए ठगी के शिकार होने की 10 हजार से ज्यादा शिकायतें आई थीं. अब तक की पड़ताल में पता चला है कि इंडिया में ऐसे 40 फर्जी कॉल सेंटरों के जरिए हर महीने तकरीबन 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हो रही है. फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है.
तकनीक ने आम लोगों की नहीं चोरों और ठगों की भी राह आसान बना दी है इसकी बदौलत वो आराम से लोगों को चूना लगाते रहते हैं.