पाकिस्तान की परमाणु धमकी से आपको पैनिक होने की या डरने की जरूरत नहीं है.
क्योंकि पाकिस्तान के परमाणु हमले का जवाब देने के लिए भारत का बैलेस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल डिफेंस सिस्टम यानी मल्टी लेयर रक्षा कवच पूरी तरह तैयार है. यदि गलती से भी पाकिस्तान ने परमाणु बटन को दबा दिया तो भारत का कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन पाकिस्तान तबाह हो जाएगा.
आइए हम आपको बताते हैं कि पाकिस्तान की मिसाइलों को भारत कहां और कैसे मार गिराएगा. इसलिए पाकिस्तान की परमाणु धमकी से डरने की जरूरत नहीं है.
1 – सोर्डफिश यह भारत का लांग रेंज ट्रेकिंग रडार सिस्टम है. सोर्डफिश राडार टेक्नोलॉजी भारत का तुरुप का इक्का साबित होगी. जो दुश्मन की लंबी दूरी की बेलिस्टक मिसाइलों की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है. इस तकनीक में उन्नत राडार और सैटेलाइट का इस्तेमाल होता है.
2 – पाकिस्तान के पास परमाणु हमला करने के लिए गजनी गौरी शाहीन और हत्फ मिसाइले हैं. यदि 5 हजार किलोमीटर के अंदर अगर कोई भी मिसाइल परमाणु हथियार लेकर भारत की ओर आएगी तो ट्रैकिंग रडार से सिग्नल मिलते ही भारत की इंटरसेप्टर मिसाइल तेजी से उड़ती हुई दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर देगी.
3 – बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली (बीएमडी) पाकिस्तान की हत्फ श्रेणी की मिसाइलों तथा चीन की डोंगफोंग व जुलेंग मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं. अत्याधुनिक होने के कारण अमेरिका की पैट्रियाट पैक-3 मिसाइल सिस्टम से काफी बेहतर है. यह क्रिकेट के बाॅल के आकर के लक्ष्य को दुश्मन की सीमा में ही तबाह कर सकता है.
4 – स्वदेशी तकनीक से निर्मित एडवांस एयर डिफेंस (एएडी) बैलेस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर पूरी तरह से भारत में बना है. इसमें इंटरसेप्टर के रूप में अश्विन बैलेस्टिक मिसाइल का प्रयोग किया जाता है. यह मिसाइल रक्षा कवच दुश्मनों की कम ऊंचाई पर आने वाली मिसाइल को भेदकर देश की रक्षा करेगा.
5 – पृथ्वी एअर डिफेंस प्रणाली (पीएडी) मिसाइल डिफेंस तकनीक में इंटरसेप्टर के रूप में प्रद्युमन बैलेस्टिक मिसाइल का प्रयोग किया जाता है. यह दुश्मन की हमलावर मिसाइल से अधिक तेज रफ्तार से चलने वाली हाई सुपरसोनिक एंटी बैलेस्टिक मिसाइल है. जो जमीन से 50 से 80 किलोमीटर दूर ऊपरी वायुमंडल में ही दुश्मन मिसाइल को नष्ट कर सकती है.
6 – पीएडी को दुश्मन की मिसाइल चकमा नहीं दे पाती है क्योंकि इस मिसाइल में इंटरसेप्शन के लिए सुरक्षित डाटा लिंक, होमिंग व टेकिंग के लिए राडार सुविधा उपलब्ध है. यह मिसाइल शत्रु की मिसाइल का पीछा करने में अत्यन्त माहिर है.
7 – ग्रीनपाइन राडार यह लांग रेंज रडार सिस्टम हैं. भारत से इसको इजराल से लिया है. हमास और इजराइल के बीच लड़ाई के दौरान इजराइल की ऐसी ही रक्षा प्रणाली ऑयरन डोम काफी कारगर साबित हुई थी. ऑयरन डोम ने गाजा पट्टी से इजराइल पर दागे गए 300 से अधिक रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया.
8 – मिसाइल डिफेंस तकनीक अभी तक चुनिंदा देश ही विकसित कर पाए हैं. वर्तमान में मिसाइल डिफेंस तकनीक अमरीका, रूस और इजरायल के पास में ही है. भारत इस तकनीक को विकसित करने वाला दुनिया का चैथा ही देश है.
9 – युद्ध के समय भारत की प्राथमिकता पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइलों के ठिकानों को नष्ट करने की होगी. इसके लिए भारत के पास अग्नि मिसाइल की पूरी रेंज हैं जो कि उसे पाक के मुकाबले अपरहैंड देती है. ऐसे में पाकिस्तान के पास छोटी दूरी की मिसाइलें ही बचेंगी जो कि भारत के लिए बड़ा सिरदर्द नहीं होगी.
10 – भारत के पास सेकेंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी है. यानी पाकिस्तान अगर हमला कर भारत के सभी परमाणु ठिकानों को बर्बाद कर देता है तो भी भारत परमाणु पनडुब्बी से मिसाइल छोड़कर पाकिस्तान को तबाह कर सकता है. पाकिस्तान के पास बैलेस्टिक सबमरीन नहीं है.
इन वजहों से पाकिस्तान की परमाणु धमकी से डरने की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान आए दिन भारत को परमाणु हमले की धमकी देता रहता है. पाकिस्तान मीडिया और सेना अपने परमाणु बमों और मिसाइलों का भय दिखाकर भारत की जनता में भय पैदा करने की कोशिश करती रहती हैं. भारत का मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से कारगर है.
जबकि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई भी उन्नत तकनीक नहीं है जो कि उसे भारतीय हमले से बचा सके.
इसलिए पाकिस्तान की परमाणु धमकी से डरने की कोई जरूरत नहीं है.
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