व्यक्ति जिस पर कोई भी मुकदमा नहीं चला सकता – ये बात तो हम सभी जानते हैं कि न्यायालय से ऊपर और कुछ नहीं होता.
जो कुछ भी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर होते हैं उन्हें पूरे देश समेत हर देशवासी को मानना अनिवार्य होता है.
अगर किसी तरह से ऐसा नहीं किया जाता तो वो व्यक्ति दंड का भागी होता है. न्यायालय, देश में न्याय दिलाने के लिए बनाए जाते हैं लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भारत देश में एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर पुलिस तो क्या सुप्रीम कोर्ट भी मुकदमा नही चला सकता.
तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन है ये व्यक्ति जिस पर कोई भी मुकदमा नहीं चला सकता –
व्यक्ति जिस पर कोई भी मुकदमा नहीं चला सकता –
हम बात कर रहे हैं देश के राष्ट्रपति की. दरअसल,भारतीय संविधान के अनुसार देश के जो भी राष्ट्रपति चुने जाएंगें उन पर कोई भी सरकार या कोर्ट मुकदमा नहीं चला सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं.
संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं. वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च सेनानायक भी हैं. उन्हें सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने और युद्ध या शांति की घोषणा का सर्वश्रेष्ठ अधिकार होता है. उन्हें देश का प्रथम नागरिक माना जाता है और भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है.
इन सभी बातों का निर्णय साल 1947 में भारत के ब्रिटेन से आजाद होने के बाद लिया गया था जिसमें भारतीय संविधान में ये साफ तौर पर लिखा गया है कि देश के प्रधानमंत्री या अन्य नेताओं पर किसी भी प्रकार के मुकदमे चलाए जा सकते हैं लेकिन राष्ट्रपति पद एक ऐसा पद माना जाएगा जिस पर मुकदमा ना न्यायालय और ना ही कोई सरकार चला सकती है.
इसके अलावा राष्ट्रपति के पास और भी कई विशेष अधिकार होते हैं. जैसे कि जिस भी व्यक्ति को इस पद के लिए चुना गया है उन्हें पांच साल तक जनता और संविधान के अलावा और कोई नहीं हटा सकताऔर राष्ट्रपति पद से कोई स्वयंभी इस्तीफा दे सकता है.
राष्ट्रपति के ऐसा करने पर उनकी सभी जिम्मेदारियां और अधिकार देश के उपाध्यक्ष को दिए जाते हैं जबतक कि राज्यसभा 2/3 की मेजोरिटी से कोई नया राष्ट्रपति इलेक्ट नहीं कर देती.
भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है. राष्ट्रपति पद पर कोई भी व्यक्ति कितनी भी बार इलेक्ट हो सकता है इसकी कोई सीमा तय नहीं है. आपको बता देंकि अबतक भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है.
भारत का कोई भी नागरिक जो 35 साल या उससे अधिक उम्र का हो वो राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बन सकता है. राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होनी चाहिए और सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण किया हुआ नहीं होना चाहिए.
तो राष्ट्रपति है वो व्यक्ति जिस पर कोई भी मुकदमा नहीं चला सकता – लेकिन कुछ कार्यालय-धारकों को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की अनुमति दी गई है. जैसे कि वर्तमान राष्ट्रपति, वर्तमान उपराष्ट्रपति, किसी भी राज्य के राज्यपाल और संघ या किसी भी राज्य के मंत्री रह चुके हैं.
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