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जिस भारतीय बच्चे को 40 साल पहले मरने के लिए छोड़ा था वो आज स्विट्ज़रलैंड का सांसद बन चुका है!

Niklaus – किसकी किस्मत कब बदल जाए कुछ कहां नही जा सकता क्योंकि आज हम जिस इंसान के बारे में बात करने जा रहे है उस शख्स की जिंदगी किसी चमत्कार से कम नही है.

जी हाँ जिस बच्चे को पैदा होते ही उसकी माँ छोड़कर चली जाए उसकी जिंदगी के बारे में हम क्या अंदाजा लगा सकते है.

लेकिन किस्मत इंसान को फर्श से उठाकर अर्श पर बैठा देती है. दरअसल हम जिस शख्स की बात कर रहे है उनका नाम Niklaus उनकी जिंदगी किसी फिल्म की कहानी से कम नही है. Niklaus को उनकी माँ 40 साल पहले अस्पताल में छोड़कर चली गई थी, लेकिन अब वही Niklaus स्विटजरलैंड की संसद में चुने जाने वाले पहले भारतीय है.

इस कहानी की शुरूआत होती है कर्नाटक के एक अस्पताल से जहाँ 1 मई 1970 को Niklaus का जन्म होता है.

उस हॉस्पिटल का नाम सीएसआई लंबर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल रहता है. Niklaus बताते है कि उनके जन्म के बाद ही उनकी माँ उन्हें छोड़कर चली गई थी. उसके एक हफ्ते उन्हें किसी स्विस जोड़े द्वारा गोद ले लिया जाता है. ये स्विस जोड़ा अपने नये बच्चे Niklaus के साथ कुछ साल केरल में रहा उसके बाद पूरा परिवार स्विट्जरलैंड चला गया. यहां पर Niklaus की अच्छी परवरिश हुई उनके पिता ने उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए ट्रक ड्राइवर और माली जैसे काम भी किए.

अभी हाल ही में भारत में पीआईओ-संसदीय सम्मेलन हुआ था जिसमें भारतीय मूल के विदेशी सांसदों को बुलाया गया था.

इस सम्मेलन में Niklaus भी शामिल हुए थे. यहां पर उन्होंने अपने शुरूआती दिनों के बारे में बात करते हुए बताया कि उनकी माँ का नाम अनासुईयां था और वो उन्हें जन्म के तुरंत बाद एक डॉक्टर को सौंपते हुए ये कहकर चली गई वो उनके बच्चे को एक ऐसे दंपत्ति को दे जो उसका अच्छा करियर बनाने में मदद करे.

Niklaus ने स्विट्जरलैंड में ही अपनी पढ़ाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने कई सामाजिक कार्यो में भी अपना योगदान दिया. इसके बाद वे 2002 में बतौर पार्षद चुने गये. फिर Niklaus ने 2017 में एंजेलिकल पीपल्स पार्टी की तरफ से सांसद का चुनाव लड़ा जिसके बाद वे चुनाव जीतकर स्विट्जरलैंड की संसद में चुने जाने वाले पहले भारतीय मूल के सांसद बने. Niklaus ने बताया कि आने वाले दस सालों तक वे ही सांसद रहेंगे क्योंकि उनके अलावा और भी कोई भारतीय मूल का नेता राजनीति में एक्टिव नही है.

अपनी जन्म देने वाली माँ के बारे में बात करते हुए वह कहते है उनकी सफलता में उन्हीं का योगदान है और वे इसके लिए अपनी माँ को शुक्रिया कहते है.

उन्होनें अपनी माँ से प्यार जताने के लिए अपनी बेटी का नाम अपनी माँ के नाम पर ही रखा है.

ये हम सभी जानते है कि एक नवजात बच्चे की जिंदगी पूरी तरह से उसकी जन्म देने वाली माँ पर ही निर्भर करती है. ऐसे में अगर बच्चों को उसकी माँ के द्वारा छोड़ दिया जाता है तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. लेकिन Niklaus जैसे बच्चे कुछ करने के लिए ही इस दुनिया में आते है, और वे जिंदगी की तमाम उलझनों को पिछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते है.

Sudheer A Singh

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Sudheer A Singh

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