नया साल – साल 2017 ख़त्म हो चूका है और नये साल 2018 शुरूआत हो चुकी है लोग नए साल के जश्न में डूबे हुए है.
वैसे तो पूरी दुनिया में 1 जनवरी को ही नया साल मनाया जाता है लेकिन भारत में हिंदू कैलंडर के हिसाब से गुड़ी पड़वा के दिन साल का पहला दिन होता है और लोग इसे भी नए साल के जश्न की तरह ही मनाते है. वैसे तो गुड़ी पड़वा के दिन नया साल मनाने का अपना धार्मिक महत्त्व है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 1 जनवरी को ही क्यों पूरे विश्व में नए साल का जश्न मनाया जाता है. आज हम आपको 1 जनवरी को नए साल मनाये जाने का कारण और इतिहास बताने जा रहे है.
तो आइये जानते है कि आखिर क्यों 1 जनवरी को ही मनाया जाता है नया साल.
दरअसल 1 जनवरी को नया साल मनाने के पीछे कई कारण और मान्यताएं है. ऐसा माना जाता है कि जनवरी महीने का नाम रोमन के देवता ‘जानूस’ के नाम पर रखा गया था. मान्यताओं के अनुसार जानूस दो मुख वाले देवता थे जिसमे एक मुख आगे की ओर वहीं दूसरा पीछे की ओर था. कहा जाता है कि दो मुख होने की वजह से जानूस को बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में पता रहता था. इसलिए देवता जानूस के नाम पर जनवरी को साल का पहला दिन माना गया और 1 जनवरी को साल की शुरुआत मानी गई. इसलिए 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है.
इसके अलावा और भी कई कारण है जिनकी वजह से 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि रोम के बादशाह जुलियर सीजर ने 45 ईसा पूर्व जुलियन कैलंडर बनवाया था तब से लेकर आज तक दुनिया के ज्यादातर देशों में 1 जनवरी को ही साल का पहला दिन माना जाता है. हालाँकि इसके पीछे कई खगोलीय कारण भी है जैसे 1 जनवरी के दिन पृथ्वी सूर्य के बेहद करीब होती है इसलिए भी इसे साल की शुरुआत कहा जाता है.
वहीं 1 जनवरी को नए साल मनाने का तार्किक कारण ये भी है कि 31 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन होता है, और उसके बाद आने वाले दिन लम्बे होते है. इसलिए 1 जनवरी को साल का पहला दिन माना जाता है और इसे ही साल की शुरुआत भी मानी जाती है. वहीं बात अगर दुनिया में सबसे पहले न्यू ईयर सेलिब्रेशन की करें तो ये 23 मार्च 2000 बीसी को मनाया गया था. हालाँकि ये जरुरी नहीं है कि दुनिया के सभी देशों में 1 जनवरी को ही नया साल मनाया जाता हो इजिप्ट और पर्सिया जैसे देशों में 20 सितम्बर को नया साल मनाया जाता है जबकि ग्रीक जैसे देश में 20 दिसंबर को नए साल का जश्न मनाने का रिवाज़ है.
वहीं भारत में गुडी पड़वा के दिन नए साल का जश्न मनाया जाता है.
तो कहने का मतलब यही है कि 1 जनवरी को नए साल मनाये जाने के कई अलग-अलग कारण है. इतिहास और अतीत की इन ख़ास वजहों से ही 1 जनवरी के दिन पूरी दुनिया में नए साल का जश्न मनाया जाता है.
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