पासवर्ड या पिन – स्मार्टफोन का लॉक खोलने, लैपटॉप पर इंटरनेट बैंकिंग यूज़ करने या ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए पासवर्ड की जरूरत पड़ती है।
हर जगह कोई ना कोई पासवर्ड या पिन डालना ही होता है। कुछ साल पहले तक तो लोग घर-परिवार के नामों या उनके मोबाइल नंबरों को पासवर्ड बना लेते थे जिन्हें याद रखना आसान था लेकिन जब से ऐसे पासवर्ड के प्रोटेक्शन टूटना शुरु हुए हैं तब से कंपनियों ने कैपिटल लैटर, सिंबल और नंबरों के जटिल कॉम्बिनेशन वाले पासवर्ड मांगने शुरु कर दिये हैं।
अब इस तरह के पासवर्ड या पिन तो बस वही लोग याद रख सकते हैं जिनकी मेमोरी पॉवर बहुत तेज हो। खैर आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि डिजीटल वर्ल्ड में पासवर्ड रखने की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी। जल्द ही पासवर्ड लैस डिजीटल लाइफ बनाने में दो नई तकनीकें अपना कमाल दिखाने वाली हैं।
टोकन सिस्टम
भविष्य की यह तकनीक अकाउंट लॉग इन करने के मामले में पासवर्ड के बिना ही आपको अपने कई तरह के अकाउंट लॉग इन करने की सुविधा देगी। कई सालों के प्रयास के बाद अब यह बात फाइनल हो गई है कि इंटरनेट यूज़र्स को अपने अकाउंट में लॉग इन के लिए आईडी पासवर्ड नहीं बल्कि यूएसबी टोकन जैसा सबसे सेफ लॉग इन ऑप्शन दिया जाए।
दुनिया की दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और फेसबुक इंटरनल लेवल पर पहले भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी हैं। इसके अंतर्गत अकाउंट लॉग इन के लिए यूबिकी टोकन का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया के दो प्रमुख ब्राउज़र क्रोम और फायरफॉक्स जल्द ही पासवर्ड फ्री लॉग इन सिस्टम लेकर आ रहे हैं जिसमें एक सेफ टोकन प्रोसेस से लॉग इन किया जाएगा। इस तरीके से ऑनलाइन यूज़र्स को फिशिंग फ्रॉड और फर्जी ईमेल से भी छुटकारा मिल जाएगा।
कैसे चलेगी ये तकनीक
फास्ट आइडेंटिटी ऑनलाइन अलाइंस और वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम यानि डब्ल्यू3सी मिलकर बिना पासवर्ड वेब अथॉन्टीकेशन को संभव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस संस्था ने ऑनलाइन टोकन रिंग का नया सिस्टम लॉन्च किया है। यह टोकन सिस्टम टू फैक्टर अथॉन्टिकेशन के आधार पर काम करता है जिसमें वनन टाइम पासवर्ड या यूउसबी की का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें पासवर्ड का यूज़ नहीं होगा।
बायोमेट्रिक होगा पासवर्ड या पिन की जगह
अब ये टेक्निक पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। इसके अंतर्गत स्मार्टफोन या दूसरी डिजीटल डिवाइसेज़ पर यूज़र की उंगलियों के इंप्रेशन या रेटिना स्कैनर से एक्सेस मिलेगा और हर बार पासवर्ड नहीं डालना होगा।
दुनिया की कई बड़ी कंपनियां ऑनलाइन एक्सेस के लिए बायोमेट्रिक का इस्तेमाल शुरु कर चुकी हैं। वैसे तो बायोमेट्रिक यानि थंब इंप्रेशन से अब स्मार्टफोन को अनलॉक करने का ऑप्शन आ चुका है। जल्दी ही रेटिना स्कैनिंग की सुविधा भी स्मार्टफोन पर मिलनी शुरु हो जाएगी।
अगर आप भी अपना पासवर्ड या पिन बार-बार भूल जाते हैं तो इस टेक्निक के आ जाने के बाद आपको अपनी इस भूलन की आदत से मुक्ति मिल जाएगी। कई बार तो पासवर्ड याद ना आने पर अकाउंट ही लॉक हो जाता है। ऐसे में इस तकनीक से कई तरह की मुश्किलों से निपटा जा सकता है।