आखिरकार टीम इंडिया को परमानेंट कोच मिल ही गया है.
ऐसा काफी सालों बाद हुआ है कि बोर्ड ने किसी भारतीय पर विश्वास दिखाया है. अनिल कुंबले को कोच बनाने के पीछे अपनों का साथ और उनके रिकॉर्डस ने काम किया है.
वैसे अनिल कुंबले से ऊपर रवि शास्त्री थे किन्तु रवि शास्त्री टीम में कहीं ना कहीं फूट की वजह भी बन रहे थे. इसलिए राजनीति और गुटबाजी, इनको ले डूबती है.
अब उसके सामने कुछ बड़ी चुनौतियाँ भी खड़ी हुई हैं.
तो आज हम इन्हीं 10 बड़ी चुनौतियों की बात करते हैं, जिनका सामना बतौर कोच उसको करना है-
1. टीम की गुटबाजी
अनिल कुंबले को टीम की गुटबाजी खत्म करनी है. अभी टीम में धोनी और विराट कोहली दोनों, अपने-अपने अहम की लड़ाई लड़ रहे हैं. अनिल कुंबले को इसका सामना भी करना है.
2. खिलाड़ियों की थकावट
अगले माह टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर जा रही है और कुछ बड़े खिलाड़ी अभी भी थकान लिए हुए हैं. खिलाड़ियों का आईपीएल प्रेम कम नहीं हो पा रहा है.
3. विदेशी जमीन पर कमजोर प्रदर्शन
विदेशी जमीन पर टीम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है. यह बात अनिल कुंबले से बेहतर कोई नहीं जानता होगा कि टीम का अच्छा कोच साबित होने के लिए उनको विदेशी जमीन पर टीम को जीताना होगा.
4. सफल टीम का चुनाव
इन साल टीम इंडिया को बड़ी टीमों के साथ खेलना है और अगले साल चैम्पियन ट्राफी होनी है. तो ऐसे में अनिल कुंबले को एक सफल टीम का चुनाव करना है.
5. खिलाड़ियों चोट से प्रभावित
टीम इंडिया के खिलाड़ी पिछले कुछ समय से चोट से कुछ ज्यादा ही प्रभावित रहने लगे हैं तो अब ऐसे में कुंबले को खिलाडियों की फिटनेस पर भी काम करना होगा.
6. बेहतर स्टाफ का चुनाव
टीम का मुख्य कोच बनने के बाद अब कुंबले को बैटिंग कोच व बोलिंग कोच का चुनाव करना है. टीम इंडिया के लिए अच्छा स्टाफ चुनना भी अब अनिल कुंबले का काम है.
7. कमजोर बोलिंग
भारतीय टीम की बोलिंग पिछले कुछ समय से काफी कमजोर रही है. अहम् मौकों पर आकर यह टीम को हरा रही है. तो अब कुंबले के सामने बेहतर बोलिंग का चुनाव भी चुनौती ही है.
8. आलोचकों का मुंह बंद करना
कुछ पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट एक्सपर्ट अभी दबी जुबान में बोल रहे हैं हैं अनिल कुंबले का चुनाव करके बोर्ड ने गलती कर दी है. रवि शास्त्री या राहुल द्रविड़ के पास ज्यादा अच्छा अनुभव था. अब आलोचकों का मुंह बंद करना भी अनिल कुंबले का काम है.
9. स्पिन गेंदबाजों की फार्म नहीं है
अभी पिछले कुछ समय से अश्विन भी सही गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं तो अब ऐसे में अनिल कुंबले के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कैसे टीम की स्पिन गेंदबाजी को धार जी जाये? नये स्पिन गेंदबाज में किन खिलाड़ियों को जगह दी जाये.
10. भारत को नंबर वन पर लाना है
अब टीम इंडिया को क्रिकेट में नंबर वन स्थान पर लाना भी अनिल कुंबले के लिए एक चुनौती है. अनिल कुंबले को टीम से यह करवाना ही होगा.
तो कुल मिलाकर अनिल कुंबले को इन 10 चुनौतियों का सामना करना ही है. अगर अनिल इन 10 चुनौतियों से पार पा लेते हैं तो निश्चित रूप से वह भारत के नंबर वन कोच बन सकते हैं.
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