भारत में विलय – दोस्तों हमारा भारत देश एक महान देश है जो सभी देशों से मित्रता बनाए रखता है लेकिन एक ऐसा भी देश है जो भारत में विलय होना चाहता था लेकिन भारत में कुछ राजनीतिक कारणों से भारत में मिल नहीं पाया.
दोस्तों वह देश और कोई नहीं बल्कि नेपाल है|
भारत एक महान देश है जो अपने दुश्मनों को भी माफ कर देता है और सभी देशों के साथ मैत्री संबंध बनाए रखता है। आजादी के समय पाकिस्तान भारत से अलग हो गया और एक अलग इस्लामिक देश बन गया था। तभी से दोनों देशों के बीच कटुता के संबंध बने हुए हैं।
पाकिस्तान को अपना अस्तित्व भारत से ही मिला है लेकिन फिर भी वो इसकी इज्जत नहीं करता और आए दिन भारत पर कभी सीमा पर हमले करता है तो कभी आतंकवाद ज़रिए नफरता फैलाता है। भारत से दुश्मनी को लेकर पाकिस्तान अकसर सुर्खियों में बना रहता है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हरकतों के साथ उसके कानून भी दुनिया की नज़र में आते रहते हैं। इस देश में इतने बेमतलब और अजीब कानून बने हुए हैं कि इनकी वजह से पाक का मज़ाक उड़ता रहता है।
ये तो थी भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुई नफरत की बात लेकिन आज हम भारत और पाक नहीं बल्कि एक ऐसे देश के बारे में बात करने जा रहे हैं जोकि एकमात्र हिंदू राष्ट्र और भारत में विलय की चाहत रखता है।
ये है वो देश
जब भारत आजाद हुआ था तो देश को बडी विकट समस्याओं से सामना करना पड़ रहा था तब नेपाल के महाराज ने भारत के प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू से भारत में खुद का विलय करने का आग्रह किया लेकिन पं. जवाहर लाल नेहरू ने ये कह कर इस आग्रह को ठुकरा दिया कि नेपाल के विलय से कोई फायदा नहीं है।
अगर नेपाल का भारत में विलय हो जाता है तो शायद भारत को ही फायदा होता क्योंकि सर्वाधिक गांजा नेपाल में पैदा होता है और ये बहुत खूबसूरत देश है और आज खुद के स्वामित्व से चल रहा है।
इस देश की सबसे खास बात तो ये है कि इस पर किसी भी संगठन या आतंकवादी संगठनों ने आतंकवादी हमला नहीं किया है। इससे पता चलता है कि नेपाल कितना शांतिपूर्ण देश है और उसके सभी देशों के साथ शांतिमय संबंध हैं।
कुछ साल पहले नेपाल में भूकंप आया था जिससे ये पूरा देश हिल गया था और यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। ऐसे में समय में पूरी दुनिया के सभी देशों ने नेपाल की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था और भारत ने भी मुश्किल समय में नेपाल का खूब साथ दिया था।
हालांकि, अब नेपाल अपने दुख से पूरी तरह से उबर चुका है और अब यहां पर अर्थव्यवस्था एक बार फिर से चलने लगी है। भारत और नेपाल के संबंध बहुत अच्छे हैं और इन दोनों देशों की दोस्ती के बीच कभी कोई कड़वाहट नहीं आई।
वैसे अगर नेपाल भारत में मिल जाता है तो भारत का क्षेत्रफल भी बढ़ता और इसकी ताकत भी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।