देखा आपने आज जहाँ हम अपने देश भारत में आध्यात्मिकता का मजाक उड़ा रहे है वहीँ पश्चिम के लोग उसी आध्यात्मिकता से मार्गदर्शन पाकर नयी नयी ऊँचाइयों पर पहुँच रहे है.
नीम करोली बाबा आज के पाखंडी बाबा और धर्म गुरुओं की तरह नहीं थे. वो तो सीधे सरल और बिना अन्धविश्वास और आडंबर के प्राणिमात्र की सहायता करते थे.