विश्व की अग्रणी गैजेट कम्पनी एप्पल के संस्थापक स्वर्गीय स्टीव जॉब्स, ऑस्कर विजेता प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया रोबर्ट्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग इन सब में क्या समानता है?
आप कहेंगे कि तीनों ही अपने अपने क्षेत्र में एक खास मुकाम हासिल कर चुके है और बहुत ही सफल रहे है.
लेकिन क्या आपको पता है उनको ये सफलता दिलाने में किसका हाथ था? या फिर उन्हें सही राह किसने दिखाई??
अगर हम कहे कि इन तीनों और इनके अलावा और भी बहुत सारे लोगों को उनकी मंजिल का रास्ता दिखाने का मार्गदर्शन एक भारतीय ने किया था तो ?
आगे स्लाइड में देखिये कि किसने इनकी दुनिया बदली..
भारत के उत्तर में नैनीताल के पास एक आश्रम और मंदिर है. इस आश्रम का नाम नीम करोली बाबा का आश्रम है. नीम करोली बाबा को उनके मानने वाले महाराज जी भी पुकारते है.
नीम करोली बाबा की देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत मान्यता है. उनकी मृत्यु के बाद भी आज तक लोग उनके आश्रम में आते है और कहा जाता है वहां जो भी जाता हौसे सच्चा मागदर्शन मिलता है.
1974 में जब स्टीव जॉब्स अटारी कंपनी के लिए काम करते थे तो वो एक मित्र के कहने पर नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए आये.
जॉब्स जब उनके आश्रम गए तो पता चला कि बाबा का स्वर्गवास हो गया है. स्टीव जॉब्स ने कुछ दिन वहां रहकर प्रज्ना साधना की. आश्रम के वातावरण और साधना की वजह से स्टीव को मार्गदर्शन मिला और एक लक्ष्यविहीन युवा से स्टीव एप्पल जैसी कंपनी के संस्थापक बने.
हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया रोबर्ट्स भी नीम करोली बाबा के आश्रम में आई थी.
आश्रम में आने के बाद उन्हें अद्भुत शांति का अनुभव हुआ और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हुए. रोबर्ट्स के अलावा गूगल के समाजसेवा ईकाई के अध्यक्ष भी बाबा के भक्त है. और उनके कहने पर ही उन्होंने पूरी दुनिया से स्माल पॉक्स बीमारी के उन्मूलन और इलाज के लिए विशेषरूप से कार्य किये.
नीम करोली बाबा के मंदिर से मार्गदर्शन लेने वालों में सबसे ताज़ा नाम फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग का है.
इस बार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए तो मार्क जकरबर्ग ने बताया की जब वो अपने जीवन में उधेड़बुन से गुजर रहे थे उस समय स्टीव जॉब्स ने उन्हें भारत के किसी मंदिर में जाने को कहा था.
उसके बाद मार्क स्टीव जॉब्स के बताये मंदिर में गए और वहां जाकर उन्हें मार्गदर्शन मिला. उसके बाद जो हुआ वो एक इतिहास है. मार्क आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है और फेसबुक किसी क्रांतिकारी आविष्कार से कम नहीं है.
देखा आपने आज जहाँ हम अपने देश भारत में आध्यात्मिकता का मजाक उड़ा रहे है वहीँ पश्चिम के लोग उसी आध्यात्मिकता से मार्गदर्शन पाकर नयी नयी ऊँचाइयों पर पहुँच रहे है.
नीम करोली बाबा आज के पाखंडी बाबा और धर्म गुरुओं की तरह नहीं थे. वो तो सीधे सरल और बिना अन्धविश्वास और आडंबर के प्राणिमात्र की सहायता करते थे.
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